बिहार में स्वाइन फ्लू ने दी दस्तक, पटना में समस्तीपुर की महिला संक्रमित, स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
पटना। बिहार में स्वाइन फ्लू की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। छठ महापर्व की तैयारियों के बीच इस बीमारी का मामला सामने आना लोगों के बीच सतर्क रहने की जरूरत को और बढ़ा देता है। हाल ही में पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती समस्तीपुर की एक महिला में स्वाइन फ्लू (एच1एन1) संक्रमण की पुष्टि हुई। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और विशेषज्ञों ने लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।
स्वाइन फ्लू का पहला मामला
स्वाइन फ्लू से संक्रमित पाई गई महिला मूल रूप से समस्तीपुर की रहने वाली है। बताया जाता है कि वह कुछ दिन पहले ही किसी दूसरे राज्य से बिहार लौटी थी। यात्रा के बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उसे बुखार, गले में दर्द, छाती में जकड़न और सांस लेने में कठिनाई जैसे गंभीर लक्षण दिखाई दिए। उसकी नाक से लगातार पानी बह रहा था और हालत धीरे-धीरे खराब होती गई। ऐसे में परिजनों ने उसे गंभीर स्थिति में पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने उसके लक्षणों और यात्रा इतिहास को देखते हुए स्वाइन फ्लू की जांच करवाई। सैंपल रिपोर्ट में यह पुष्टि हो गई कि मरीज एच1एन1 वायरस से संक्रमित थी। हालांकि राहत की बात यह है कि लगभग 10 दिनों के गहन इलाज के बाद महिला अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुकी है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
स्वाइन फ्लू क्या है
स्वाइन फ्लू जिसे वैज्ञानिक भाषा में एच1एन1 इन्फ्लूएंजा कहा जाता है, श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला एक संक्रामक रोग है। यह सामान्य फ्लू की तरह ही फैलता है लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर रूप ले सकता है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो उसके द्वारा छोड़ी गई हवा की सूक्ष्म बूंदों में वायरस मौजूद रहता है। ये बूंदें वातावरण में फैल जाती हैं और आसपास मौजूद स्वस्थ व्यक्ति इन्हें सांस के माध्यम से ग्रहण कर लेते हैं, जिससे उन्हें संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा यह वायरस ऐसी सतहों पर भी सक्रिय रह सकता है जिन्हें हम बार-बार छूते हैं, जैसे दरवाजों के हैंडल, मेज या मोबाइल। यदि कोई व्यक्ति इन सतहों को छूने के बाद हाथ धोए बिना अपनी नाक, मुंह या आंखों को छू लेता है तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
छठ पर्व और संक्रमण का खतरा
बिहार में छठ पर्व के दौरान बड़ी संख्या में लोग बाजारों, घाटों और सार्वजनिक स्थानों पर एकत्र होते हैं। ऐसे में भीड़भाड़ के कारण संक्रमण फैलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। इसीलिए डॉक्टरों ने छठ के समय विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि जिन लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार या गले में दर्द जैसी शिकायत हो, उन्हें भीड़ में जाने से बचना चाहिए। यदि बाहर जाना जरूरी हो तो मास्क पहनना आवश्यक है। यह न केवल स्वयं की सुरक्षा है बल्कि दूसरों के स्वास्थ्य की भी जिम्मेदारी है।
किस स्थिति में डॉक्टर से मिलें
यदि किसी व्यक्ति को सामान्य सर्दी-खांसी के साथ गले में जकड़न बढ़ने लगे, छाती में दर्द महसूस हो, सांस लेने में परेशानी होने लगे या बहुत अधिक थकान और कमजोरी महसूस हो, तो ऐसी स्थिति को हल्के में नहीं लेना चाहिए। ऐसे लक्षण गंभीर संक्रमण या निमोनिया की ओर संकेत कर सकते हैं। समय पर डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है ताकि बीमारी को नियंत्रित किया जा सके।
बचाव के उपाय
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए कुछ सामान्य और सरल उपाय काफी प्रभावी हो सकते हैं। बार-बार हाथ धोना, मास्क का प्रयोग करना, भीड़भाड़ से बचना, खांसते या छींकते समय रूमाल का उपयोग करना और अपने आसपास सफाई बनाए रखना इसके मुख्य तरीके हैं। साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए पौष्टिक भोजन और पर्याप्त पानी पीना भी जरूरी है। बिहार में स्वाइन फ्लू के मामले सामने आने के बाद सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। यह बीमारी सामान्य फ्लू की तरह दिखती जरूर है, लेकिन इसका असर अधिक गंभीर भी हो सकता है। इसलिए त्योहार के उत्साह के साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा को भी प्राथमिकता देना ही समझदारी है। जागरूकता और समय पर इलाज से इस संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है।


