नालंदा में ब्लॉक प्रोग्राम प्रबंधक की संदिग्ध मौत से हडकंप, जांच में जुटी पुलिस

नालंदा। नालंदा जिले के हरनौत बाजार में ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) के ब्लॉक प्रोग्राम प्रबंधक मनीष कुमार की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। मनीष कुमार की उम्र 27 वर्ष थी और वह बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले थे। वे हरनौत बाजार में राष्ट्रीय राजमार्ग-20 के किनारे स्थित एक किराए के चार मंजिला मकान में अकेले रहते थे। वे पिछले दो वर्षों से हरनौत बीआरसी में कार्यरत थे।
सुबह मोहल्ले वालों ने देखा शव
बुधवार सुबह मोहल्ले के कुछ लोगों ने मकान के पीछे मनीष कुमार का शव देखा और तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित किया। इस घटना की जानकारी मिलते ही उनके सहकर्मियों और स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। स्थानीय शिक्षक प्रकाश चंद्र भारती ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
नौकरी को लेकर थे तनाव में
मनीष कुमार के सहकर्मी नवीन कुमार के अनुसार, वह पिछले कुछ दिनों से नौकरी को लेकर काफी तनाव में थे। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार पूरे बिहार में आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवा 31 मार्च के बाद समाप्त कर दी जाएगी। इस फैसले का प्रभाव ब्लॉक प्रोग्राम प्रबंधकों (बीएमपी) पर भी पड़ने वाला है। आशंका जताई जा रही है कि नौकरी को लेकर बने इस तनाव ने मनीष कुमार के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया था।
छत से गिरने से हुई मौत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, स्थानीय लोगों का कहना है कि मनीष कुमार की मौत छत से गिरने के कारण हुई। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह एक दुर्घटना थी, आत्महत्या थी या किसी अन्य कारण से उनकी जान गई।
पुलिस की जांच जारी
इस मामले में हरनौत थाना के थानाध्यक्ष अमरदीप कुमार ने बताया कि फिलहाल मौत का स्पष्ट कारण नहीं पता चल पाया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ भेज दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद ही असली वजह सामने आ पाएगी।
मौके से शराब का पाउच बरामद
घटनास्थल से पुलिस को शराब का एक पाउच भी बरामद हुआ है, जिससे मामले को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। पुलिस ने फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम को भी जांच के लिए बुलाया है। फिलहाल, पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है।
परिजनों को दी गई सूचना
पुलिस ने मनीष कुमार के परिजनों को इस घटना की सूचना दे दी है। परिजनों के आने के बाद और उनके द्वारा आवेदन देने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मनीष कुमार की संदिग्ध मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि उनकी मौत नौकरी छूटने के तनाव के कारण हुई है, तो यह एक गंभीर सामाजिक और प्रशासनिक समस्या को उजागर करता है। वहीं, अगर इसमें कोई अन्य कारण शामिल है, तो पुलिस की जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी। यह मामला न केवल व्यक्तिगत संकट का संकेत देता है बल्कि प्रशासनिक नीतियों के सामाजिक प्रभाव पर भी सोचने को मजबूर करता है।
