पटना में दो शव मिलने से हड़कंप, डबल मर्डर की आशंका, बाइक और 12 खोखा बरामद
पटना। पटना में इन दिनों अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ता दिख रहा है। राजधानी में लगातार दो दिनों में डबल मर्डर की घटनाओं ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोमवार को आलमगंज थाना क्षेत्र में एक परिवार पर जानलेवा हमला हुआ, जिसमें मां-बेटी की जान चली गई। वहीं मंगलवार को पटना से सटे बिक्रम थाना क्षेत्र में दो युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों मामलों ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।
बिक्रम में दो शव मिलने से सनसनी
मंगलवार की सुबह बिक्रम थाना क्षेत्र के मंझौली सिंघाड़ा रोड स्थित गुरिल्ला स्थान के पास दो युवकों की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। स्थानीय लोगों ने सबसे पहले शवों को देखा और तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस को घटनास्थल से एक अपाची मोटरसाइकिल और गोली के 12 खोखे बरामद हुए हैं, जिससे यह अंदेशा और मजबूत होता है कि यह डबल मर्डर का मामला है।
कनपटी में मारी गई गोली, पहचान भी हुई
मौके पर मौजूद पुलिस टीम ने जांच के क्रम में जब एक मृतक की पैंट से मोबाइल निकाला, तो उसकी पहचान बिक्रम प्रखंड के बाघाकोल निवासी के रूप में की गई। हालांकि दूसरे मृतक की अब तक पहचान नहीं हो पाई है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दोनों युवकों को काफी नजदीक से, कनपटी में गोली मारी गई थी। पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि हत्या के पीछे क्या वजह हो सकती है और इसके पीछे किन लोगों का हाथ है।
आलमगंज में पहले ही हो चुकी है दिल दहला देने वाली घटना
इससे पहले सोमवार को पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र में पति, पत्नी और उनकी बेटी को दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी। इस हमले में मां-बेटी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पति गंभीर रूप से घायल हो गया था। यह हमला पड़ोसियों के साथ चल रहे विवाद के कारण हुआ था। घटना के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
लगातार हो रही घटनाओं से आम लोगों में भय
लगातार दो दिनों में हुई इन गंभीर घटनाओं से साफ जाहिर है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं। राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है। आम लोगों के बीच भय और असुरक्षा की भावना बढ़ गई है। सुबह-सुबह दो शवों का मिलना न केवल एक हत्या की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराधी कितने बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस की चुनौतियां और जनता की उम्मीदें
इन वारदातों से पटना पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। एक ओर राजधानी में अपराधियों के बेखौफ अंदाज में मर्डर किए जा रहे हैं, दूसरी ओर पुलिस अब तक मामलों को सुलझा नहीं पाई है। बिक्रम कांड में अब तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिला है और आलमगंज की घटना में भी जांच प्रक्रिया शुरू ही हुई है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस जल्द ही इन मामलों की तह तक पहुंचे और दोषियों को पकड़कर कड़ी सजा दिलवाए, ताकि अपराध पर अंकुश लगाया जा सके। पटना जैसे शहर में लगातार हो रही हत्याओं ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आम आदमी आखिर कितना सुरक्षित है। कानून व्यवस्था पर भरोसा तभी कायम रह सकता है, जब अपराधियों को त्वरित कार्रवाई के तहत सजा मिले और लोगों को सुरक्षा का अहसास हो।


