October 29, 2025

बिहार में लागू शराबबंदी कानून फिर सुप्रीम कोर्ट में..नीतीश सरकार को नोटिस..मांगा गया जवाब..लगेगा झटका

पटना।प्रदेश के नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से शराब बंदी जैसे अहम मुद्दे पर झटका लग सकता है।बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है। इस कानून के लागू होने के बाद अभी तक कई बार पटना उच्च न्यायालय के द्वारा इसके ऊपर प्रतिकूल टिप्पणी की जा चुकी है।वही इस कानून को लेकर अब देश के सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किया गया है।जिस पर सुनवाई के उपरांत सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से जवाब मांगा है।उक्त याचिका में प्रदेश में लागू शराबबंदी कानून में प्राप्त पुलिसिया अधिकार को चुनौती दी गई है।राज्य में लागू शराबबंदी कानून के तहत अवैध शराब जब्ती के दौरान नगद राशि मिलने पर उसे भी जब्त कर लेने के प्रावधानों को मौलिक हितों के विरुद्ध बताते हुए इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बिहार सरकार से जवाब तलब किया है।  सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता आयुष आनंद द्वारा दायर याचिका में युवा अधिवक्ता सार्थक करोल एवं मोनू कुमार ने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बिहार में पुलिसिया मनमर्जी पर रोक लग सकती है। उल्लेखनीय है कि विगत महा पटना उच्च न्यायालय ने भी प्रदेश में लागू शराबबंदी पर काफी प्रतिकूल टिप्पणी करते हुए सरकार की खिंचाई की थी।

दरअसल मद्य निषेध कानून के तहत शराब के साथ जब्त होने वाली नगद राशि की कस्टडी कानून की धारा 60 के तहत आती है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद इसमें सुधार की गुंजाइश बढ़ गई है। याचिका में इसे निरंकुश प्रावधान बताते हुए पीठ से संज्ञान लेने की अपील की गई। इस पर संज्ञान लेते हुये न्यायधीश बिक्रमनाथ और न्यायाधीश प्रसन्ना वी वरले की पीठ ने बिहार सरकार से उपरोक्त विषय पर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

You may have missed