CM नीतीश को कोरोना पर सुझाव पत्र : कांग्रेस विधायक अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार

कांग्रेस अध्यक्ष और विधानमंडल दल के नेता ने लिखा कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र


पटना। बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा और कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत कुमार शर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कोरोना पर सुझाव पत्र संयुक्त रूप से प्रेषित किया। संयुक्त पत्र में उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के विधान मंडल दल एवं सांसदों की एक वर्चुअल मीटिंग बिहार प्रभारी भक्त चरण दास की अध्यक्षता में 15 मई को हुई थी, जिसमें राज्य की जनता, जो अस्पतालों की कुव्यवस्था के कारण असमय ही कोरोना से गाल में समाती जा रही है, उसको लेकर कैसे निपटा जाएं। इस महामारी से आम लोगों को बचाने तथा अस्पतालों की व्यवस्था की खामियों को आपके समक्ष उजागर कर, उसे दुरुस्त कराने के लिए कांग्रेस के सभी विधायक अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं तथा अपने अपने क्षेत्रों में अपनी सेवा देने में लगातार जुटे हुए भी हैं।
उन्होंने आगे लिखा है कि आप स्वयं अवगत हैं कि अभी राज्य में जो अस्पताल हैं उनमें डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, नर्स, दवाईयां, बेड, आॅक्सीजन युक्त बेड, वेंटिलेटर, आॅक्सीजन सिलेंडर आदि पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। आक्सीजन सिलेंडर और जरूरी दवाओं की कालाबाजारी और इनकी कमियों के कारण बहुत सारी जानें जा चुकी हैं। सरकारी प्रबंधन एवं अस्पतालों में सुविधाओं की कमी इसका सबसे प्रमुख कारण है। कांग्रेस केवल आलोचनाएं करने में विश्वास नहीं करती बल्कि उन्हें दूर करने में सहयोग करने में भी विश्वास रखती है। ऐसे में पार्टी ने निर्णय लिया है कि सभी विधायक स्थानीय स्तर पर अस्पतालों में जो कमियां या खूबियां हैं, उनके बारे में आपको सीधे जानकारी देंगे।
कांग्रेस के सभी विधायकों व सांसदों ने निर्णय लिया है कि जीवनरक्षक सभी उपकरणों से सुसज्जित आधुनिक एंबुलेंस अपने क्षेत्र और अपने जिले में देंगे। इसके लिए आपके स्तर से जिलाधिकारी को निर्देश दिया जाना आवश्यक है कि वह एंबुलेंस की अविलंब खरीद कर उसके निर्बाध संचालन की पूर्ण व्यवस्था करवाएं। सभी विधायकों की 2 करोड़ की राशि जो सरकार द्वारा वापस ले ली गयी है, उसका उपयोग उनके ही क्षेत्र के स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रमों में किया जाएं और उसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सम्बंधित विधायक को दी जाएं। साथ ही प्रत्येक विधायकों को जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य संबंधित बुलेटिन मुहैया करवाया जाएं, जिससे की कोरोना संबंधित जानकारी का निर्बाध आदान-प्रदान हो सकें।
पत्र में टीकाकरण की सुस्त प्रक्रिया पर चर्चा की गई है। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं हो रहा है। केंद्र सरकार द्वारा इस महामारी में अवैज्ञानिक सोच एवं असाधारण चुप्पी का बहुत बड़ा योगदान है। संयुक्त पत्र के माध्यम से दोनों नेताओं ने उम्मीद की है कि आप इन बिन्दुओं पर विचार करेंगे और ऊपर दिये गये सुझावों और टिप्पणी को संज्ञान में लेंगे। जिससे राज्य में कोरोना से मजबूती से निपटा जा सकें।

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