वेटरनरी कॉलेज में गोलीबारी के विरोध में सड़क पर उतरे छात्र, हड़ताल का ऐलान, जमकर नारेबाजी

पटना। वेटरनरी कॉलेज में गुरुवार शाम हुए गोलीकांड ने पूरे परिसर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। क्रिकेट खेलने के दौरान बाहरी युवकों से हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें एक छात्र गोली लगने से घायल हो गया। इस घटना के विरोध में कॉलेज के छात्रों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है और तत्काल हड़ताल का ऐलान कर दिया है।
क्रिकेट मैच बना विवाद की वजह
घटना गुरुवार शाम करीब 5 बजे की है। कॉलेज के द्वितीय वर्ष के छात्र मयंक अपने साथियों के साथ कॉलेज ग्राउंड पर क्रिकेट खेलने पहुंचे थे। वहां पहले से कुछ बाहरी युवक खेल रहे थे। छात्रों ने उन्हें हटने के लिए कहा, यह कहते हुए कि मैदान कॉलेज का है और बाहरी लोगों को यहां खेलने की इजाजत नहीं है। इस बात पर दोनों पक्षों में कहासुनी शुरू हो गई, जो कुछ ही देर में हाथापाई में बदल गई।
गोली लगने से छात्र घायल, अस्पताल में भर्ती
विवाद बढ़ता देख बाहरी युवकों ने अपने कुछ और साथियों को मौके पर बुला लिया। इसी दौरान एक युवक ने हथियार निकालकर गोली चला दी, जो छात्र मयंक की उंगली में जा लगी। घायल छात्र को तुरंत इलाज के लिए आईजीआईएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। गोली लगने की इस घटना ने छात्रों के बीच डर और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया है।
हंगामे के बीच छात्र सड़कों पर उतरे
घटना की सूचना मिलते ही एयरपोर्ट थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। हालांकि, आरोपी घटना के बाद भाग निकले और उनकी पहचान की जा रही है। इस बीच कॉलेज के छात्रों ने गुस्से में आकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वे हाथों में बैनर लेकर नारेबाजी कर रहे हैं और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन बार-बार शिकायत के बावजूद असामाजिक तत्वों पर कोई सख्त कदम नहीं उठाता।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे विवाद
छात्रों के अनुसार यह पहली बार नहीं है जब कॉलेज मैदान को लेकर विवाद हुआ हो। कई बार बाहरी युवक जबरन मैदान पर कब्जा कर लेते हैं और विरोध करने पर छात्रों को धमकी देते हैं। छात्रों ने बताया कि ऐसी घटनाओं की शिकायत पहले भी प्रबंधन से की गई थी, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। उनका मानना है कि अगर समय रहते कार्रवाई होती, तो यह घटना टाली जा सकती थी।
प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
छात्रों का स्पष्ट कहना है कि कॉलेज परिसर में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। न तो मैदान की निगरानी होती है, न ही प्रवेश पर कोई सख्ती है। इसी कारण असामाजिक तत्व आसानी से परिसर में घुस आते हैं। इस घटना के बाद छात्रों ने प्रशासन से मांग की है कि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए।
हड़ताल की घोषणा, प्रशासन की चुनौती
घटना के बाद छात्रों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है। इससे कॉलेज की शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। कॉलेज प्रबंधन के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है कि वह छात्रों के आक्रोश को शांत करे और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विश्वास बहाल करे। पुलिस भी हर पहलू से जांच कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी जारी है। यह घटना न केवल छात्रों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है, बल्कि शिक्षण संस्थानों में बाहरी हस्तक्षेप और प्रशासन की लापरवाही की गंभीरता को भी उजागर करती है। अब देखना है कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता और सख्ती दिखाता है।
