पटना में कफ सिरप के साथ दो नाबालिग छात्र गिरफ्तार, तलाशी में पुलिस ने पकड़ा, एक हज़ार में करते थे काम

पटना। राजधानी पटना में बुधवार को नशे से जुड़े अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा हुआ। जक्कनपुर थाना क्षेत्र के गया लाइन रेलवे गुमटी के पास पुलिस ने तलाशी के दौरान दो नाबालिग छात्रों को प्रतिबंधित कफ सिरप के साथ गिरफ्तार किया। दोनों छात्र सहरसा जिले के रहने वाले हैं और पूछताछ में उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। बरामदगी के बाद पुलिस ने पूरे नेटवर्क की छानबीन शुरू कर दी है। घटना तब सामने आई जब पुलिस गश्ती वाहन जक्कनपुर क्षेत्र से गुजर रहा था। रेलवे गुमटी के पास पुलिस को दो छात्रों पर शक हुआ। जब दोनों की तलाशी ली गई तो उनके पास से 198 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद हुई। ये बोतलें बैग में छुपाकर रखी गई थीं। पुलिस ने दोनों को तुरंत हिरासत में लिया और थाने ले जाकर पूछताछ शुरू की। पूछताछ में सामने आया कि दोनों छात्र सहरसा जिले के पूरब बाजार स्थित मनोहर हाई स्कूल में पढ़ते हैं। इनमें से एक 10वीं कक्षा का छात्र है जबकि दूसरा 12वीं में पढ़ रहा है। दोनों ने बताया कि उन्हें इस अवैध काम के लिए लालच दिया गया था और एक बैग कफ सिरप पहुंचाने के एवज में उन्हें 1000 रुपये मिलते थे। छात्रों ने पुलिस को बताया कि एक बैग में करीब 100 बोतल कफ सिरप होती है। उन्हें पटना के जीरो माइल स्थित एक चाय दुकान पर पहुंचना होता था। वहां पहले से दो तस्कर मौजूद रहते थे, जिनसे उन्हें डिलीवरी उठानी होती थी। इसके बाद दोनों ऑटो में बैठकर पटना जंक्शन पहुंचते और ट्रेन से सहरसा लौट जाते। पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि 10 दिन पहले सुनील कुमार नाम का एक शख्स उन्हें पटना लेकर आया था। उसने दोनों की मुलाकात तस्करों से कराई और पहचान करवाई, ताकि वे आगे डिलीवरी लेने में किसी परेशानी का सामना न करें। छात्रों ने बताया कि सहरसा का रहने वाला सुनील कुमार ही इस समूचे नेटवर्क का मास्टरमाइंड है। वही नाबालिग छात्रों को इस अवैध धंधे में लगाता है और उन्हें मामूली पैसों का लालच देकर बड़े पैमाने पर कफ सिरप तस्करी करवाता है। यह भी बताया गया कि सुनील खुद ज्यादा खुलकर सामने नहीं आता, बल्कि बच्चों को उपयोग में लाता है ताकि पुलिस को शक न हो। दोनों छात्रों से मिले बयान के आधार पर पुलिस अब पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है। फिलहाल यह पता लगाया जा रहा है कि पटना के किन किन इलाकों में प्रतिबंधित कफ सिरप की सप्लाई होती थी और इसमें कितने लोग शामिल हैं। पुलिस चाय दुकान और वहां मौजूद तस्करों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। साथ ही सुनील कुमार की तलाश भी तेज कर दी गई है। यह मामला सिर्फ कफ सिरप की बरामदगी तक सीमित नहीं है बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि आखिर तस्कर किस तरह मासूम छात्रों को इस अवैध कारोबार में शामिल कर रहे हैं। पढ़ाई के उम्र में बच्चों को पैसों का लालच देकर नशे की तस्करी कराना समाज के लिए बेहद खतरनाक संदेश है। इससे न सिर्फ उनकी पढ़ाई और भविष्य बर्बाद हो रहा है, बल्कि वे खुद भी अपराध की चपेट में आ रहे हैं। प्रतिबंधित कफ सिरप का उपयोग आमतौर पर नशाखोरी के लिए किया जाता है। मेडिकल उपयोग के लिए बनी इन दवाओं का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है। कई राज्यों में पुलिस और प्रशासन इस पर सख्ती कर रहे हैं, लेकिन गिरोह लगातार नए-नए तरीके अपनाकर तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। खासकर स्कूली बच्चों और युवाओं को इसमें धकेलना तस्करों का नया हथकंडा बन गया है। घटना के बाद इलाके के लोगों ने चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि अगर नाबालिग बच्चे इस धंधे का हिस्सा बन रहे हैं तो यह समाज के लिए बहुत खतरनाक है। माता-पिता और स्कूल प्रशासन को भी इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ताकि छात्र ऐसे अवैध गतिविधियों में न पड़ें। पटना में दो नाबालिगों के पास से प्रतिबंधित कफ सिरप की 198 बोतल बरामद होना एक बड़ी चेतावनी है। यह दर्शाता है कि तस्कर किस तरह भोले-भाले बच्चों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। पुलिस अब सुनील कुमार और पूरे नेटवर्क की तलाश में जुटी है। आने वाले समय में इस केस से जुड़े और भी खुलासे हो सकते हैं। फिलहाल यह घटना कानून व्यवस्था और समाज दोनों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि भविष्य की पीढ़ी को इस तरह के अपराधों से कैसे बचाया जाए।
