पटना में पुनपुन नदी में डूबकर छात्रा की मौत, कपड़े धोने के दौरान हादसा, परिवार में कोहराम
पालीगंज। पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत सिगोड़ी थाना क्षेत्र के देवरिया गांव में सोमवार को एक दर्दनाक हादसे में स्कूली छात्रा की मौत हो गई। छठी कक्षा में पढ़ने वाली सुलेखा कुमारी की पुनपुन नदी में डूबने से मौत हो गई। सुलेखा अपने दो सहेलियों के साथ नदी किनारे कपड़े धोने गई थी, तभी यह हादसा हुआ। स्थानीय लोगों और परिजनों के अनुसार, हादसे के पीछे नदी में चल रहा अवैध बालू खनन मुख्य कारण है, जिससे नदी में कई खतरनाक गड्ढे बन गए हैं। जानकारी के मुताबिक, मृतका की पहचान रामाकांत यादव की पुत्री सुलेखा कुमारी के रूप में हुई है। वह माध्यमिक विद्यालय, देवरिया में छठी कक्षा की छात्रा थी। सोमवार को वह अपने दो सहेलियों के साथ गांव के पास बह रही पुनपुन नदी में कपड़े धोने गई थी। इसी दौरान वह अचानक फिसल कर गहरे पानी में चली गई और डूबने लगी। सहेलियों ने उसे बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहीं। डर और घबराहट में दोनों लड़कियां चिल्लाने लगीं। उनकी चीख सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही सिगोड़ी थानाध्यक्ष प्रमोद साह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सूचना मिलने के बाद सीडीआरएफ (सेंट्रल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स) की टीम को बुलाया गया। काफी खोजबीन के बाद छात्रा का शव बरामद किया गया, जिसे पोस्टमार्टम के लिए पालीगंज अनुमंडल अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में यूडी (अननैचुरल डेथ) केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुनपुन नदी में जेसीबी मशीनों से अवैध तरीके से बालू की निकासी वर्षों से होती आ रही है। इस कारण नदी की गहराई असमान हो गई है और जगह-जगह गहरे खड्ड बन चुके हैं। कई बार ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से शिकायत की, लेकिन आज तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने बताया कि इससे पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिनमें बच्चों की जान जा चुकी है। घटना के बाद गांव में मातम का माहौल है। सुलेखा के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मां बार-बार बेहोश हो रही है और पिता रामाकांत यादव सदमे में हैं। गांव के लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि बालू माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और पुनपुन नदी में हो रहे अवैध खनन को तत्काल रोका जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। यह हादसा केवल एक बच्ची की मौत भर नहीं है, बल्कि प्रशासन की लापरवाही और अवैध खनन माफियाओं के गठजोड़ का कड़वा परिणाम है। जब तक इस पर कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा, तब तक मासूम जिंदगियां यूं ही बलि चढ़ती रहेंगी।


