पटना में छात्र ने की आत्महत्या, प्रेमिका से विवाद के बाद उठाया कदम, कमरे में लगाई फांसी
पटना। जिले के दानापुर थाना क्षेत्र में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई जब एक छात्र ने प्रेम संबंध में तनाव के चलते आत्महत्या कर ली। युवक की पहचान पियूष राज उर्फ रॉकी के रूप में हुई है, जो मैनपुरा ताराचक इलाके में अपने परिवार के साथ रहता था। इस घटना से पूरे इलाके में शोक और हैरानी का माहौल है।
बारात से लौटने के कुछ घंटे बाद की आत्महत्या
जानकारी के अनुसार पियूष राज गुरुवार की रात पटना सिटी में एक बारात समारोह में शामिल होने गया था। वहां उसके व्यवहार में कोई असामान्यता नहीं दिखी। स्थानीय वार्ड पार्षद सुनील कुमार ने बताया कि वह समारोह में डांस कर रहा था और सामान्य व्यवहार कर रहा था। इसके बाद वह शुक्रवार की सुबह करीब 4 बजे अपने दोस्त के साथ घर लौटा। सब कुछ सामान्य था, लेकिन केवल एक घंटे बाद ही घटना घटी।
छोटे भाई ने देखा शव
सुबह 5 बजे पियूष का छोटा भाई साहिल जब ऊपर कमरे में पहुंचा तो उसने देखा कि पियूष पंखे से लटका हुआ है। परिवार ने उसे तुरंत नीचे उतारा और मदद के प्रयास किए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। युवक की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। घर में अचानक मचे कोहराम के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
प्रेम प्रसंग बना कारण
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पियूष का एक युवती से प्रेम संबंध था और हाल के दिनों में दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था। माना जा रहा है कि इसी मानसिक तनाव के कारण उसने यह कदम उठाया। हालांकि परिजनों या प्रेमिका की ओर से इस संबंध में कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर यही चर्चा का विषय बना हुआ है।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की सूचना मिलते ही दानापुर थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडल अस्पताल भेजा। जांच अधिकारी एसआई आशीष कुमार चौधरी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और हर पहलू को ध्यान में रखते हुए पूछताछ की जा रही है। मोबाइल फोन और अन्य निजी वस्तुओं की भी जांच की जा रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की वजह स्पष्ट हो सके।
मानसिक तनाव और युवा मनोविज्ञान पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से युवाओं में बढ़ते मानसिक तनाव और संबंधों में अस्थिरता को लेकर चिंताओं को गहरा कर दिया है। प्रेम संबंधों में छोटी-मोटी अनबन अक्सर होती है, लेकिन जब कोई युवा इसको अपने आत्मसम्मान या अस्तित्व का मुद्दा बना लेता है, तो परिणाम भयावह हो सकते हैं। इस प्रकार की घटनाएं समाज के सामने यह प्रश्न खड़ा करती हैं कि क्या हम अपने युवाओं को भावनात्मक रूप से मजबूत बना पा रहे हैं?
स्थानीय लोगों में शोक की लहर
पियूष की आत्महत्या की खबर पूरे मोहल्ले में फैल गई और बड़ी संख्या में लोग उसके घर पहुंचे। मोहल्ले के लोग पियूष को एक सामान्य, खुशमिजाज और मिलनसार युवक के रूप में जानते थे। किसी को यह अंदेशा नहीं था कि वह ऐसा कदम उठा सकता है। परिवार पहले से ही गहरे सदमे में है और माता-पिता की हालत बेहद खराब है। पटनावासियों के लिए यह घटना न केवल एक दुखद समाचार है, बल्कि यह सोचने का विषय भी है कि युवाओं को कैसे मानसिक रूप से तैयार किया जाए ताकि वे कठिन परिस्थितियों में भी आत्मघाती कदम न उठाएं। प्रेम संबंधों में तनाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन उसका समाधान आत्महत्या नहीं हो सकता। समाज, परिवार और शिक्षा प्रणाली को मिलकर ऐसे युवाओं के लिए सहयोगी वातावरण तैयार करने की ज़रूरत है।


