पटना में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र ने की आत्महत्या, फांसी लगाकर दी जान

पटना। राजधानी पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। गुरुवार देर रात को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक छात्र ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। यह घटना आलमगंज के गुरु की मंडी स्थित पी एम लॉज की है, जहां सिवान जिले के वसंतपुर निवासी रोहित नामक छात्र ने फांसी लगाकर अपना जीवन समाप्त कर लिया। स्थानीय लोगों ने इस घटना की सूचना आलमगंज पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। मृतक के परिजनों को सूचना दी गई, जिसके बाद पटना में रह रहे रोहित के जीजा, मुकेश, घटनास्थल पर पहुंचे। मुकेश ने बताया कि रोहित प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। जब वे पहुंचे तो रोहित का शव बेड पर लेटा हुआ मिला।
मौत के कारणों पर सस्पेंस
फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने बताया कि मृतक के परिजन जब पटना पहुंचेंगे, तब इस मामले में और जानकारी सामने आ सकती है। पुलिस अधिकारी अजीत कुमार ने कहा कि अभी किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) टीम को बुलाया गया है। टीम ने मौके से साक्ष्य इकट्ठा करना शुरू कर दिया है, जिससे आत्महत्या के पीछे की वजहों का पता लगाया जा सके।
रोहित की पारिवारिक पृष्ठभूमि
रोहित सिवान जिले के वसंतपुर का रहने वाला था और बेहतर भविष्य के लिए पटना में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। उसका सपना एक सफल करियर बनाना था। हालांकि, अचानक इस प्रकार की घटना ने उसके परिवार और जानने वालों को गहरे सदमे में डाल दिया है।
छात्रों में मानसिक दबाव एक चिंता का विषय
यह घटना एक बार फिर से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को उजागर करती है। ऐसे छात्रों को अपनी पढ़ाई और करियर के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। प्रशासन और परिवारों को भी चाहिए कि वे छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दें और समय-समय पर उनका हौसला बढ़ाएं।
पुलिस की अपील
पुलिस ने अपील की है कि अगर किसी के पास इस मामले से संबंधित कोई जानकारी हो, तो वे पुलिस को तुरंत सूचित करें। फिलहाल, मामले की गहन जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही आत्महत्या के पीछे की असल वजह सामने आएगी। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि यह समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटे युवाओं को मानसिक दबाव से बचाने के लिए परिवार, समाज, और शिक्षण संस्थानों को मिलकर प्रयास करना होगा।
