November 17, 2025

शिक्षा विभाग का सख्त निर्देश, स्कूल में हर दिन 3 से 5 शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य, उल्लंघन पर कार्रवाई

पटना। बिहार सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और सरकारी स्कूलों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए लगातार नए कदम उठा रही है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर एक सख्त नियम लागू किया है। अब प्रत्येक स्कूल में प्रतिदिन निर्धारित संख्या में शिक्षक अनिवार्य रूप से मौजूद रहेंगे, ताकि कक्षाओं की पढ़ाई प्रभावित न हो।
नए नियम का विवरण
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार प्राथमिक विद्यालयों में हर दिन कम से कम तीन शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। वहीं, मध्य विद्यालयों में यह संख्या पांच तय की गई है। अगर किसी स्कूल में निर्धारित संख्या से कम शिक्षक पाए जाते हैं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों की पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा न आए।
शिकायतों के बाद सख्ती
विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई शिक्षक एक साथ छुट्टी ले लेते हैं। ऐसे में कक्षाओं का संचालन प्रभावित हो रहा था और छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही थी। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभाग ने सख्त मानक तय किए हैं। अब एक ही दिन में कई शिक्षकों को छुट्टी लेने की अनुमति नहीं होगी। इससे छात्रों को नियमित रूप से पढ़ाई का लाभ मिलेगा।
स्कूलों से रिपोर्ट की मांग
शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों से 30 सितंबर तक शिक्षकों की उपस्थिति रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपने का निर्देश दिया है। इससे विभाग को यह पता चलेगा कि नए नियमों का पालन कितनी गंभीरता से किया जा रहा है। यह कदम शिक्षा व्यवस्था को अनुशासित और व्यवस्थित बनाने की दिशा में अहम साबित होगा।
छात्रों की पढ़ाई पर असर
अब तक कई बार देखा गया था कि शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह जाती थी। ग्रामीण इलाकों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती थी। विभाग का मानना है कि जब शिक्षक नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित रहेंगे, तो बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही, अभिभावकों का भी सरकारी स्कूलों पर भरोसा बढ़ेगा।
अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम
शिक्षा विभाग ने यह भी घोषणा की है कि 10 से 18 सितंबर तक आयोजित अर्द्धवार्षिक परीक्षा का परिणाम 27 सितंबर को प्रकाशित किया जाएगा। यह रिजल्ट पेरेंट्स-टीचर्स मीटिंग के दौरान अभिभावकों को दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई की स्थिति से अवगत कराना है, ताकि वे समय रहते आवश्यक कदम उठा सकें।
जिम्मेदारी और अनुशासन
शिक्षा विभाग का यह कदम शिक्षकों में जिम्मेदारी और अनुशासन की भावना पैदा करेगा। जब शिक्षक नियमित रूप से स्कूल पहुंचेंगे और पूरी संख्या में मौजूद रहेंगे, तो शिक्षण कार्य व्यवस्थित ढंग से चल पाएगा। विभाग ने साफ कर दिया है कि अगर कोई शिक्षक इस निर्देश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिहार में सरकारी स्कूलों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा विभाग का यह फैसला बेहद अहम है। यह नियम न केवल शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करेगा बल्कि छात्रों की पढ़ाई को भी व्यवस्थित करेगा। नियमित उपस्थिति से जहां बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, वहीं अभिभावकों का भी सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर भरोसा मजबूत होगा। यह कदम शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने में सहायक साबित हो सकता है।

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