पटना में मतगणना के दिन सख्त रहेगी व्यवस्था: प्रशासन की गाइडलाइन जारी, नतीजे के बाद जुलूस निकालने पर रहेगी रोक
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना 14 नवंबर को होगी, जिसके लिए प्रशासन ने सख्त सुरक्षा और व्यवस्थित प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार कर ली है। राजधानी पटना में मतगणना का मुख्य केंद्र एएन कॉलेज बनाया गया है, जहां जिले की सभी 14 विधानसभा सीटों के वोटों की गिनती होगी। प्रशासन ने मतगणना के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या अव्यवस्था को रोकने के लिए कड़ी गाइडलाइन जारी की है। साथ ही, मतगणना के बाद किसी भी तरह के विजय जुलूस या रैली निकालने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।
एएन कॉलेज बनेगा काउंटिंग सेंटर
पटना जिले में कुल 14 विधानसभा सीटें हैं और इन सभी सीटों की मतगणना एएन कॉलेज में की जाएगी। इसके लिए कॉलेज परिसर में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। कुल 1050 कर्मियों को मतगणना कार्य में लगाया गया है, जबकि अतिरिक्त कर्मियों को सहयोगी भूमिका में तैनात किया गया है। प्रत्येक विधानसभा के लिए 14-14 टेबल लगाई गई हैं। हर टेबल पर एक गिनती कर्मी, एक सहायक कर्मी और एक माइक्रो ऑब्जर्वर की नियुक्ति की गई है। साथ ही, प्रत्येक प्रत्याशी के लिए 14 एजेंटों की उपस्थिति की अनुमति दी गई है, जो मतगणना प्रक्रिया की निगरानी करेंगे।
गिनती शुरू होने से पहले कंट्रोल यूनिट का प्रदर्शन
जिला प्रशासन ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह व्यवस्था की है कि गिनती शुरू होने से पहले प्रत्याशियों के एजेंटों को कंट्रोल यूनिट दिखाया जाएगा। ताकि गिनती के दौरान किसी प्रकार का संदेह या विवाद उत्पन्न न हो। एएन कॉलेज के स्ट्रॉन्ग रूम में रखे गए ईवीएम की निगरानी 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है। मतगणना वाले दिन इन कैमरों की लाइव फीड एजेंटों को भी दिखाई जाएगी, जिससे वे गिनती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भरोसा रख सकें।
सुरक्षा की तीन स्तरीय व्यवस्था
पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि मतगणना केंद्र की सुरक्षा को तीन लेयर में बांटा गया है। पहली परत में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल तैनात रहेगा, दूसरी परत में बिहार विशेष सशस्त्र बल और तीसरी परत में जिला सशस्त्र पुलिस तैनात की गई है। साथ ही, मतगणना केंद्र के अंदर और बाहर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। तीन एएसपी, कई डीएसपी और 13 पुलिस पदाधिकारियों की ड्यूटी 24 घंटे के लिए निर्धारित की गई है। इसके अलावा, कंट्रोल रूम में लगातार निगरानी रखी जाएगी, जहां तीन पुलिस अधिकारी और 12 दंडाधिकारी तैनात रहेंगे।
जुलूस और विजय रैली पर प्रतिबंध
डीएम डॉ. त्यागराजन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मतगणना के बाद किसी भी प्रत्याशी या राजनीतिक दल को जुलूस या विजय रैली निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि “वोटों की गिनती के दौरान या बाद में कोई भी व्यक्ति या समर्थक शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश करेगा तो उसे तत्काल गिरफ्तार किया जाएगा।” प्रशासन का मानना है कि चुनाव परिणाम आने के बाद जश्न के दौरान किसी प्रकार की हिंसा या विवाद की संभावना को रोकना बेहद जरूरी है।
मोकामा और दानापुर पर विशेष नजर
डीएम ने बताया कि इस बार मोकामा और दानापुर विधानसभा सीटों की मतगणना पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इन क्षेत्रों को संवेदनशील घोषित किया गया है, इसलिए यहां अतिरिक्त पुलिस बल और मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा कि “मोकामा और दानापुर में मतगणना के दौरान कानून-व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में मतगणना प्रक्रिया बाधित नहीं होने दी जाएगी।”
मतगणना प्रक्रिया का समय निर्धारण
मतगणना कार्य सुबह आठ बजे से शुरू होगा। लेकिन सभी मतदान कर्मियों को दो घंटे पहले यानी सुबह छह बजे ही एएन कॉलेज पहुंचने का निर्देश दिया गया है। कर्मियों की ड्यूटी रैंडमाइजेशन प्रक्रिया के माध्यम से तय की जाएगी, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। सुबह 9:30 बजे से शुरुआती रूझान आने लगेंगे और शाम तक अंतिम परिणाम आने की संभावना है। प्रशासन ने मतगणना के दौरान मोबाइल फोन, कैमरा और किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के प्रयोग पर रोक लगाई है।
मतगणना केंद्रों पर कड़ी निगरानी
काउंटिंग स्थल के अंदर किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित रहेगा। केवल अधिकृत कर्मियों, प्रत्याशियों और उनके प्रमाणित एजेंटों को ही अंदर जाने की अनुमति होगी। सीसीटीवी कैमरों की लाइव मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम में की जाएगी। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने कहा कि “हम चाहते हैं कि मतगणना पूरी तरह शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो।”
प्रशासन की सख्त चेतावनी
डीएम त्यागराजन ने सभी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों से अपील की है कि वे मतगणना के दौरान संयम और शांति बनाए रखें। उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र का सबसे अहम पड़ाव है। मतगणना केंद्र में कोई भी अव्यवस्था या विवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर किसी प्रत्याशी या एजेंट द्वारा नियमों का उल्लंघन किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पटना जिला प्रशासन ने 14 नवंबर की मतगणना को लेकर अभूतपूर्व तैयारियां की हैं। सुरक्षा व्यवस्था से लेकर पारदर्शिता तक, हर स्तर पर निगरानी और नियंत्रण की मजबूत योजना बनाई गई है। मतगणना केंद्र पर सख्त निगरानी, जुलूस पर रोक और अधिकारियों की सतर्कता से यह साफ है कि प्रशासन किसी भी स्थिति में चुनाव परिणाम के दिन अव्यवस्था नहीं होने देना चाहता। अब सबकी निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं, जब लोकतंत्र का असली परिणाम सामने आएगा और बिहार के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा।


