जनता दरबार के नाम पर बिहार को ठगना बंद करें मुख्यमंत्री : राजेश राठौड़

  • पिछले जनता दरबार के लाभार्थियों की सूची जारी करें मुख्यमंत्री

पटना। मुख्यमंत्री के जनता दरबार के आयोजन पर चुटकी लेते हुए बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता दरबार के माध्यम से बिहार की भोली-भाली जनता को ठगने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि 2005 में सरकार बनने के बाद से लेकर 2015 तक लगातार जनता दरबार का आयोजन करने वाले नीतीश कुमार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि जनता दरबार में अब तक कितने आवेदनकर्ता आएं, कितने फरियादियों को न्याय मिला और कितने मामले अब तक निष्पादित हुए, इसकी सूची सार्वजनिक करनी चाहिए।
श्री राठौड़ ने कहा कि नीतीश कुमार जनता दरबार लगाकर केवल लोकप्रियता प्राप्त करने की जुगत भीड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की आम जनता नीतीश कुमार के दिखावे के राजनीति से त्रस्त हो गयी है। जनता दरबार की जगह उन्हें जनता के दरबार में जाना चाहिए न कि जनता को अपने दरबार में बुलाना चाहिए। 2016 में जनता दरबार बंद करने वाले मुख्यमंत्री अपनी गिरती लोकप्रियता को बचाने के लिए 2021 में फिर से जनता दरबार का ढ़ोंग शुरू किए हैं। वो भी तब जब उनके दल को बिहार के लोगों ने तीसरे नंबर पर धकेल दिया है।

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