नाबार्ड का 40वां स्थापना दिवस, मुख्य महाप्रबंधक बोले- बिहार को वर्ष 2020-21 में 7129 करोड़ की दी गई वित्तीय सहायता

पटना। नाबार्ड ने सोमवार को अपना 40वां स्थापना दिवस कोविड-19 महामारी के मद्देनजर बिहार क्षेत्रीय कार्यालय में सादगी के साथ मनाया। स्थापना दिवस के अवसर पर नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. सुनील कुमार ने बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण से औपचारिक मुलाकात कर देश एवं राज्य में नाबार्ड के कार्यकलापों से अवगत कराया। इस अवसर पर नाबार्ड के महाप्रबंधक विनय कुमार सिन्हा एवं उप महाप्रबंधक अमिताभ मोहन भी मौजूद थे। इस अवसर पर नाबार्ड, बिहार क्षेत्रीय कार्यालय के विभिन्न कार्यकलापों पर आधारित दो पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने बताया कि नाबार्ड कृषि तथा ग्रामीण विकास में नीतिगत पहलों के संबंध में सरकार और राज्य के लोगों के सक्रिय सहयोगी के रूप में कार्यरत है तथा किसानों की बेहतर आय सुनिश्चित करने के लिए किसान उत्पादक संगठन का संवर्धन भी कर रही है। इसके अतिरिक्त आरआईडीएफ एवं परियोजना केन्द्रित विभिन्न अन्य योजनाओं के माध्यम से राज्य में ग्रामीण आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु सरकार की साझेदार रही है। उन्होंने यह भी साझा किया कि राज्य में वर्ष 2020-21 के दौरान नाबार्ड द्वारा 7129 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की गयी है एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में नाबार्ड एफपीओ के प्रचार और वित्तपोषण, ग्रामीण बुनियादी ढांचा विशेष रूप से पेयजल, सिंचाई और ग्रामीण स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए वित्त पोषण, फसल कटाई के बाद प्रबंधन और सहकारी क्षेत्र के विकास को मजबूत करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा एवं आत्मनिर्भर बिहार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
वहीं बिहार सरकार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि नाबार्ड ने अपने अस्तित्व में आने के उपरांत ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है और ग्रामीण समाज की बेहतरी में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह अपेक्षा किया गया कि नए मंत्रालय “सहकारिता मंत्रालय” के निर्माण के मद्देनजर नाबार्ड सहकारी क्षेत्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने यह उम्मीद जतायी कि आने वाले वर्षों में नाबार्ड ग्रामीण समृद्धि हेतु अपने प्रयासों में और सक्रियता लाते हुए देश के विकास बैंक के रूप में अपने पहचान को और सशक्त करेगा।

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