पटना जंक्शन से चोरी हुआ बच्चा सीतामढ़ी से बरामद, दो तस्कर गिरफ्तार
पटना। 28 जून को पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 से ढाई साल का बच्चा सोनू चोरी हो गया। बच्चा मालीपुर गांव निवासी राधा देवी का बेटा है, जो अपने पति से झगड़कर पटना जंक्शन आई थी और ट्रेन का इंतजार कर रही थी। इसी दौरान दीनानाथ शाह नामक व्यक्ति महिला के पास पहुंचा और बच्चे से घुल-मिल गया। महिला जब प्लेटफॉर्म पर किसी से मोबाइल मांगकर अपने पति से बात कर रही थी, तभी दीनानाथ बच्चे को लेकर वहां से फरार हो गया।
तीन दिन बाद दर्ज हुआ केस
बच्चे के लापता होने के बाद महिला ने काफी खोजबीन की लेकिन जब कोई सुराग नहीं मिला, तो 30 जून को रेल थाना, पटना में मामला दर्ज कराया गया। इस मामले में रेल डीएसपी निशित प्रिया के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई जिसमें थानेदार राजेश सिन्हा समेत कुल 9 अधिकारी शामिल थे।
सीतामढ़ी से बच्चे की बरामदगी
रेल पुलिस की इस विशेष टीम ने तकनीकी जांच, ह्यूमन इंटेलिजेंस और CCTV फुटेज के आधार पर कार्रवाई करते हुए सीतामढ़ी जिले के खैरवा गांव से बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। इस दौरान बच्चा चोरी करने वाले गिरोह से जुड़े दो लोगों – दीनानाथ शाह और टिंकू कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का दावा है कि इन्होंने बच्चे की पहचान छुपाने के लिए उसका सिर भी मुंडवा दिया था।
परिजनों की सक्रियता से मिली सफलता
हालांकि, बच्चे के पिता जितेंद्र कुमार का दावा है कि पुलिस ने नहीं बल्कि परिजनों और गांव के लोगों ने बच्चे को खोजकर पुलिस को सूचना दी थी। जितेंद्र एक चालक हैं और सीतामढ़ी के मालीपुर पकड़ी गांव के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि एक करीबी रिश्तेदार ने दीनानाथ शाह की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर बच्चे की तस्वीर देखी, जिससे संदेह गहरा गया। इसके बाद गांव वाले मौके पर पहुंचे और बच्चे को ढूंढ निकाला।
दीनानाथ का आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार आरोपी दीनानाथ शाह सरकारी कर्मचारी है और एक निजी क्लिनिक भी चलाता है। इससे पहले वह यूट्यूब देखकर एक बच्चे की सर्जरी कर चुका है, जिसके बाद स्थिति बिगड़ने पर बच्चे की मौत हो गई थी और उसे जेल जाना पड़ा था। इस बार उसने सोनू को टिंकू कुमार को 2 लाख 70 हजार रुपये में बेच दिया।
टिंकू की पृष्ठभूमि और मंशा
दूसरा आरोपी टिंकू कुमार भी उसी गांव का निवासी है। उसकी शादी को 20 साल हो चुके हैं लेकिन उसे संतान नहीं है। इसी कारण उसने पहले भी एक बच्ची को खरीदा था। जब दीनानाथ ने बताया कि एक बच्चा उसके पास है, तो टिंकू ने उसे खरीदने में रुचि दिखाई।
पुलिस की तत्परता और सफलता
रेल पुलिस की टीम ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की। तकनीकी संसाधनों के साथ-साथ स्थानीय जानकारी और लोगों की मदद से बच्चे को सकुशल वापस लाया गया। इसके बाद बच्चे को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है कि गिरोह में और कौन लोग शामिल हो सकते हैं। यह घटना न केवल रेलवे प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस प्रकार बच्चा चोरी जैसे अपराध में संगठित गिरोह सक्रिय हैं। समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सजग रहने की आवश्यकता है।


