दिल्ली चुनाव-स्टार प्रचारकों की सूची में सुशील मोदी समेत बड़े भाजपा नेताओं का नाम गायब,भोजपुरी स्टारों के भरोसे बिहारी वोटरों को लुभायगी भाजपा

पटना।(बन बिहारी)भारतीय जनता पार्टी को अपने पार्टी के नेताओं से कहीं अधिक भरोसा भोजपुरी फिल्म स्टारों पर है!ऐसा इसलिए कहा जा रहा है।क्योंकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बिहार प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सुशील मोदी,मंगल पांडे,नंदकिशोर यादव, अश्विनी चौबे,गिरिराज सिंह आदि को स्टार प्रचारकों के रूप में जगह तक देना मुनासिब नहीं समझा। हां गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को भाजपा ने बतौर स्टार प्रचारक दिल्ली विधानसभा चुनाव में बिहारी ‘आइकॉन’ के रूप में उतारा है। इस जानकारी के सार्वजनिक होने के बाद राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई हैं कि क्या भारतीय जनता पार्टी सुशील मोदी,मंगल पांडे,नंदकिशोर तथा गिरिराज सिंह सरीखे बड़े नेताओं से कहीं ज्यादा रवि किशन,दिनेश लाल यादव निरहुआ समेत दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को बिहारी वोटरों को प्रभावित करने लायक समझती है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची में बिहार भाजपा के एकमात्र नेता केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को जगह मिलना प्रदेश भाजपा के लिए भविष्य में असंतोष का सबब भी बन सकता है।भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं का मानना है कि 40 स्टार प्रचारकों की सूची में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जगह न मिलने से बिहार प्रदेश संगठन पर दूरगामी असर पड़ेगा।साथ ही प्रश्न यह भी खड़े हो रहे हैं कि दिल्ली के सभी 70 विधानसभाओं में बिहारी मूल के वोटरों की तादाद अच्छी खासी है।तो क्या भाजपा नेतृत्व यही समझती है कि बिहारी वोटर भोजपुरी स्टार सह सांसद मनोज तिवारी,रवि किशन तथा दिनेश लाल यादव निरहुआ को देखकर ही प्रभावित होंगे? जबकि बिहार में विगत 15 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है।ऐसी परिस्थिति में बिहार प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारकों के रूप में शामिल ना किया जाना बिहार भाजपा के लिए यक्ष प्रश्न तो बन ही चुका है। इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी ने बिहार के कई सांसद-पूर्व सांसद और विधायक- पूर्व विधायकों को दिल्ली विधानसभा चुनाव में अलग-अलग सीट की जिम्मेवारी सौंपी है। जबकि बिहार के नीतीश सरकार में शामिल उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत कई भाजपाई मंत्री,जिनका दिल्ली के कुछेक विधानसभाओं में अच्छा ख़ासा समर्थन-इमेज भी है।उन्हें भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने किसी लायक नहीं समझा।

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