इंडी गठबंधन में मची भगदड़ लगातार जारी, रह जायेंगे सिर्फ राजद और कांग्रेस : राजीव रंजन

पटना। इंडी गठबंधन को निशाने पर लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इंडी एलायंस से निकलने से इस गठबंधन में मची भगदड़ अभी भी थमने का नाम तक नहीं ले रही। अब यूपी में जयंत चैधरी के भी इस गठबंधन को टाटा करने की खबरें आ रही हैं। हालातों से ऐसा प्रतीत होता है कि राजद-कांग्रेस को छोड़कर अंत में इस गठबंधन में कोई टिकने वाला नहीं। उन्होंने आगे कहा कि हकीकत में इंडी गठबन्धन के सभी दलों में आपस में जबर्दस्त प्रतिद्वन्दिता है। नीतीश कुमार के कारण ही अभी तक यह सब दल शांत थे, लेकिन कांग्रेसी घमंड के कारण उनके हटते ही इनका आपसी सिरफुटौव्वल फिर से शुरू हो गयी है, जिससे सबसे अधिक दुर्गति कांग्रेस की हो रही है। हालात ऐसे हैं कि बंगाल में ममता बनर्जी उन्हें 2 सीटों से अधिक देने को तैयार नहीं है। पंजाब में आप ने अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं सपा के नेता यूपी में उनका माखौल उड़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। दूसरी तरफ केरल में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की हत्या के आरोप उनके ही सहयोगी वामदलों पर लग रहे हैं।

यह मामले दिखाते हैं कि इनका एलायंस सिर्फ नाम का है काम का नहीं। उन्होंने आगे कहा कि वास्तव में इंडी एलायंस अब राजद-कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड बन कर रह गया है। परिवारवाद के पर्याय बने यह दोनों दल इस चुनाव में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। दोनों दलों की एकमात्र विचारधारा अपने प्रमुख परिवारों को शाही जीवन का सुख देते रहना है। दोनों के प्रमुख परिवारों का मुख्य पेशा राजनीति है और दोनों के युवराजों का भविष्य अधर में लटका है। इसीलिए दोनों दल अपने प्रमुख परिवारों की अगली पीढ़ियों का शाही भविष्य सुनिश्चित रखने के लिए एड़ी-चोटी का जोड़ लगा रहा हैं व इसीलिए गठबंधन के नाम पर अपने सहयोगियों की कुर्बानी देने की फिराक में हैं। लेकिन इनके सहयोगी इनके स्वार्थ को समझ गये हैं और इन दोनों को अकेला छोड़ अपनी राजनीति बचाने में लग चुके हैं। राजद-कांग्रेस यह जान ले कि आगामी लोकसभा चुनाव समाजवाद बनाम परिवारवाद है, जिसमें परिवारवाद का सफाया तय है।