November 12, 2025

कैमूर में तेज रफ्तार वाहन ने महिला को मारी टक्कर, अस्पताल में हुई दर्दनाक मौत

कैमूर। बिहार के कैमूर जिले से एक दर्दनाक सड़क हादसे की खबर सामने आई है। मंगलवार देर रात भभुआ थाना क्षेत्र में एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने एक महिला को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा बारे हाई स्कूल के पास हुआ, जब महिला अपने खेत से घर लौट रही थीं। मृतका की पहचान बारे गांव निवासी रमेन्द्र गुप्ता की पत्नी 41 वर्षीय लालती देवी के रूप में हुई है। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए शोक का विषय बनी, बल्कि क्षेत्र में तेज रफ्तार वाहनों से बढ़ते खतरों पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।
खेत से लौटते समय हुआ हादसा
घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि लालती देवी शाम के समय अपने खेतों में धान की फसल देखने गई थीं। खेतों से लौटते वक्त वह सड़क पार कर रही थीं, तभी सामने से आ रहे एक तेज रफ्तार वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि लालती देवी सड़क किनारे दूर जा गिरीं और गंभीर रूप से घायल हो गईं। आसपास के लोगों ने शोर मचाया, लेकिन तब तक वाहन चालक मौके से फरार हो गया।
स्थानीय लोगों की मदद और पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में जुट गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। थोड़ी ही देर में डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची और घायल महिला को भभुआ सदर अस्पताल ले जाया गया। हालांकि चिकित्सकों ने जांच के बाद लालती देवी को मृत घोषित कर दिया। घटना की पुष्टि होते ही परिवार और गांव में मातम छा गया। मृतका के पति और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
परिवार में मचा कोहराम
लालती देवी की मौत की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार के सदस्य उन्हें याद कर बार-बार बेहोश हो रहे थे। बताया जाता है कि लालती देवी अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने वाली महिला थीं और घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए खेती में बराबरी से हाथ बंटाती थीं। उनके निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
हादसे की जगह पर हादसों का इतिहास
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जिस जगह यह हादसा हुआ, वह मार्ग अत्यंत व्यस्त है और यहां से रोज़ाना भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। बावजूद इसके सड़क पर न तो गति-नियंत्रण के कोई बोर्ड लगे हैं और न ही पुलिस की नियमित निगरानी होती है। ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर तेज रफ्तार वाहनों की वजह से पहले भी कई छोटे-बड़े हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
पुलिस ने शुरू की जांच
भभुआ थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और पंचनामा तैयार करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि अज्ञात वाहन की पहचान के लिए आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही वाहन और उसके चालक का पता लगा लिया जाएगा। इसके अलावा, घटनास्थल पर मिले टायर के निशानों और वाहन के कुछ अवशेषों के आधार पर भी जांच की जा रही है।
सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर बिहार में सड़क सुरक्षा की स्थिति पर सवाल खड़े करता है। राज्य में हर साल हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाना है। ग्रामीण इलाकों में सड़क किनारे उचित रोशनी, सिग्नल और सुरक्षा संकेतों की कमी के कारण दुर्घटनाओं की संख्या और भी बढ़ जाती है।
ग्रामीणों की मांग – लगाई जाए स्पीड ब्रेकर और निगरानी
घटना के बाद गांव वालों ने प्रशासन से मांग की है कि बारे हाई स्कूल के पास स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं ताकि वाहनों की रफ्तार पर नियंत्रण रखा जा सके। साथ ही सड़क किनारे चेतावनी बोर्ड और स्ट्रीट लाइट लगाने की भी मांग की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते ऐसी व्यवस्था की जाती, तो शायद लालती देवी की जान बचाई जा सकती थी।
बढ़ते सड़क हादसों पर विशेषज्ञों की राय
परिवहन विशेषज्ञों के अनुसार, सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केवल कानून बनाना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने की भी आवश्यकता है। वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए और ग्रामीण सड़कों पर विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। साथ ही प्रशासन को भी ऐसे संवेदनशील स्थानों पर यातायात नियंत्रण और पुलिस गश्ती बढ़ानी चाहिए।
परिवार को न्याय की उम्मीद
लालती देवी के परिजनों ने सरकार और पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि जब तक आरोपी वाहन चालक को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे। परिवार को सरकार से आर्थिक सहायता की भी उम्मीद है, ताकि वे इस कठिन समय में कुछ राहत पा सकें। कैमूर जिले की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर सड़क सुरक्षा के प्रति हमारी लापरवाही कब खत्म होगी। तेज रफ्तार और बेपरवाह ड्राइविंग केवल एक गलती नहीं, बल्कि किसी की जिंदगी छीन लेने वाला अपराध है। लालती देवी की मौत सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि जब तक नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया जाएगा, तब तक सड़कें असुरक्षित बनी रहेंगी। प्रशासन के लिए यह समय है कि वह ऐसे हादसों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस और स्थायी कदम उठाए, ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह के दर्द से न गुजरे।

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