राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों 7279 विशेष शिक्षकों की होगी नियुक्ति, महिलाओं को मिलेगा आरक्षण
पटना। बिहार सरकार ने राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में 7,279 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इन शिक्षकों की भर्ती विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों की शैक्षिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी। यह कदम शिक्षा को सर्वसुलभ और समावेशी बनाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है। इस प्रक्रिया में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है, जिससे राज्य में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा।
विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए प्रशिक्षित शिक्षक
इन नियुक्तियों में खासतौर पर ऐसे शिक्षकों को शामिल किया जाएगा जो विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों को पढ़ाने में प्रशिक्षित होंगे। इन बच्चों में शारीरिक, मानसिक और संज्ञानात्मक चुनौतियों का सामना करने वाले छात्र शामिल हैं, जिन्हें पढ़ाई के लिए विशेष देखभाल और तरीकों की जरूरत होती है। इस तरह के शिक्षकों की नियुक्ति से इन छात्रों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने और उनकी व्यक्तिगत शैक्षिक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
महिलाओं को मिलेगा 50 प्रतिशत आरक्षण
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बिहार सरकार ने इन विशेष शिक्षकों की भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। यह फैसला महिला शिक्षकों को अवसर प्रदान करेगा और उन्हें रोजगार के नए रास्ते खोलेगा। यह केवल रोजगार का अवसर ही नहीं होगा, बल्कि इससे विशेष बच्चों के प्रति महिलाओं की संवेदनशीलता और देखभाल के गुण भी स्कूलों में समावेशी शिक्षा को और प्रभावी बनाएंगे। इसके साथ ही, यह कदम बिहार की महिलाओं के लिए सामाजिक और आर्थिक सुधार की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा।
शिक्षकों के लिए आवासीय प्रशिक्षण
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शिक्षकों की दक्षता को और बेहतर बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है। इसके तहत, राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों को प्रत्येक वर्ष दो बार आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जनवरी-फरवरी में आयोजित होगा, जिसका उद्देश्य शिक्षकों की पढ़ाने की क्षमता और उनके शैक्षिक दृष्टिकोण में सुधार करना है।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रशिक्षण
इस प्रशिक्षण का आयोजन केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित समग्र शिक्षा अभियान के तहत किया जाएगा। इस अभियान का मकसद समावेशी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देना है। केंद्र सरकार ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 32.20 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है, जो इस कार्यक्रम की सफलता और शिक्षकों के प्रशिक्षण में सहायक होगी। हर शिक्षक को 50 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो छह दिनों का आवासीय कार्यक्रम होगा। इस प्रकार, यह प्रशिक्षण शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप नवीनतम शैक्षिक पद्धतियों और तरीकों से परिचित कराएगा।
आर्थिक लाभ और नई शिक्षा नीति के अनुरूप प्रशिक्षण
इस प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को न केवल शैक्षिक लाभ मिलेगा, बल्कि आर्थिक रूप से भी उन्हें फायदा होगा। प्रशिक्षण के दौरान कक्षा एक से पांच तक के शिक्षकों को प्रति दिन 500 रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया जाएगा, जिससे उनके आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। इसी तरह, कक्षा नौ से बारह तक के शिक्षकों को भी प्रति दिन इसी दर पर भुगतान किया जाएगा। यह कार्यक्रम न केवल शिक्षकों की शैक्षिक क्षमता में सुधार करेगा बल्कि उनके आर्थिक हितों को भी ध्यान में रखेगा, जो शिक्षकों को और अधिक प्रेरित करेगा।
शिक्षकों की क्षमता विकास और शिक्षा सुधार
यह आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों की दक्षता और शैक्षिक क्षमताओं को सुधारने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा। नई शिक्षा नीति के तहत, शिक्षकों को आधुनिक और प्रभावी शिक्षण पद्धतियों से परिचित कराया जाएगा, जो छात्रों के शैक्षिक अनुभव को बेहतर बनाने में सहायक होगी। इसके साथ ही, इस प्रशिक्षण से राज्य के सरकारी विद्यालयों की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। बिहार सरकार द्वारा प्रारंभिक विद्यालयों में 7,279 विशेष शिक्षकों की नियुक्ति और शिक्षकों के लिए आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। महिलाओं को आरक्षण देकर सरकार ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यह पहल राज्य के शिक्षा तंत्र को और अधिक समावेशी, सशक्त और सक्षम बनाएगी, जो आने वाले समय में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।


