CM नीतीश बोले- राजनीति में पत्नी-बेटे को आगे बढ़ाना यही समाजवाद है?, ऐसा ज्यादा दिन नहीं चलेगा

पटना। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात सीएम नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री को सच्चा समाजवादी बताये जाने के सवाल पर कहा कि ये उनकी कृपा है कि उन्होंने ये बात कही। आप सब जानते हैं कि हम सबलोग लोहिया जी के ही शिष्य हैं। ये बात सही है कि समाजवाद का निर्माण उन्होंने किया, समाज को चलाया। हमलोग कोई परिवारवाद नहीं करते हैं। हम सब दिन से यही कहते हैं कि पूरा बिहार एक परिवार है। कुछ लोग अपने घर के परिवार को ही परिवार कहते हैं और उसी परिवारवाद में रहते हैं, जहां समाजवाद खत्म हो जाता है। समाजवाद बड़ी बुनियादी चीज है। समाजवाद के मामले में सभी लोग एक परिवार हैं। हमलोग छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं। उसी समय से समाजवाद से प्रभावित हैं।
विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल कि किसी कारणवश से किसी के परिवार का सदस्य राजनीति में नहीं आना चाहता हो, सिर्फ इतने से ही उसे सच्चा समाजवादी नहीं कहा जा सकता। पत्रकारों के इस प्रश्न का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, ये सब बेकार की बात है। प्रधानमंत्री जी, जो बोले हैं वो बहुत सही बात बोले हैं। पार्टी में केवल परिवार को प्रतिष्ठा दीजियेगा तो इसका मतलब आपको समाजवाद से मतलब नहीं है बल्कि परिवारवाद से मतलब है। राजनीति में किसी ने अपनी पत्नी, बेटे को आगे बढ़ा दिया तो क्या यही समाजवाद है? यही बात प्रधानमंत्री जी बार-बार बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग राजनीति में अपने परिवार पर ही केंद्रित रहेंगे, ऐसा ज्यादा दिन नहीं चलेगा। एक समय आयेगा कि उनका कोई भविष्य नहीं रहेगा। ये अच्छी तरह से जान लें और ये कई जगहों से शुरू हो गया है। सीएम ने कहा कि आप अगर राजनीतिक पार्टी चलाते हैं तो आपके साथ जिनकी सक्रियता है, उनलोगों के बीच से राजनीतिक पदों पर चयन होना चाहिये, न कि परिवार से।


राज्य का पैसा बचेगा, विकास होगा
बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सब जानते हैं कि विशेष राज्य के दर्जा के लिये हमलोगों ने कितना बड़ा अभियान चलाया। हमलोग अपनी मांग रखे ही हुए हैं। हमलोग सब एनडीए सरकार का ही हिस्सा हैं। उस समय की जो केंद्र सरकार थी, उसने कमिटी भी बनायी और कुछ बात भी कही। अभी नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को सबसे पिछड़ा बताया गया है। उन्होंने कहा कि हमलोगों को वर्ष 2005 काम करने का मौका मिला है, तबसे कितना मेहनत किया और बिहार को कहां से कहां पहुंचाया। उसके बावजूद भी अगर बिहार पीछे है तो उसका कारण है कि हमारा क्षेत्रफल कम है लेकिन हमारी आबादी बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलने से यही फायदा होगा कि केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 90:10 होगी। अभी 60:40 तो कहीं-कहीं 50:50 है। 90:10 रहेगा तो राज्य का पैसा जो बचेगा वह विकास के और कामों में लगेगा। कुल मिलाकर आज जो स्थिति है उससे बहुत तेजी से राज्य आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार की तरफ से नीति आयोग को चिट्ठी भेजी गई है। जब इतना काम किया गया तब ये स्थिति है तो उस पर आपलोगों को सोचना होगा। सबलोगों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के और जो राज्य हैं, उस पर भी गौर कीजिए। हमलोग तो अपनी बात कहेंगे और अपना काम करते रहेंगे। विशेष राज्य के दर्जे की मुहिम पर संसद में उठे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका अपना-अपना विचार होता है। यह कोई व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि यह जनहित में है, राज्य के हित में है। हमलोग तो काम कर रहे हैं। हम तो हमेशा बोलते रहते हैं कि लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है। आप जरा देख लीजिये कि बिहार में किस प्रकार से काम हो रहा है। पहले और आज के वातावरण में कितना बड़ा फर्क है।
जाति जनगणना पर आल पार्टी मीटिंग करेंगे
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सीएम ने कहा कि हमलोगों की आपस में बातचीत तो हुई ही है। हमलोग मन बनाकर बैठे हुए हैं। हमलोग तो आल पार्टी मीटिंग करेंगे। केंद्र सरकार ने भी कहा ही है कि यदि कोई राज्य जातीय जनगणना करना चाहे तो करे। हमलोग इसी पर कह रहे हैं कि यहां पर सब लोग बातचीत करेंगे। जातीय जनगणना होने से सबको जानकारी हो जायेगी कि किस जाति की कितनी आबादी है।
वो सब बेकार की बात
हिजाब को लेकर मचे बवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वो सब बेकार की बात है। उस पर बोलने का कोई औचित्य नहीं है। इस मामले को लेकर लोग कोर्ट गये हैं। यहां के स्कूलों में सभी स्कूली बच्चे एक ही तरह के ड्रेस पहनते हैं। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में कोई बात होती है, वह एक अलग बात है, बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है। हमलोग तो काम करने में लगे हुए हैं। सबके लिए हमलोग काम करते हैं और सबकी इज्जत करते हैं। कुछ लोगों का अपना-अपना तरीका है तो हमलोग उसमे इंटरफेयर नहीं करते हैं। मूर्ति लगाना या अपने-अपने ढंग से पूजा करना, यह सबकी अपनी-अपनी मान्यता है। हमलोगों के हिसाब से इस पर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है।

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