समाज सुधार के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक क्रांति अभियान की जरूरत : डॉ. सत्यानंद
पटना। समाज सुधार तब तक नहीं होगा जब तक सामाजिक और सांस्कतिक क्रांति नहीं होगा। यह बात लोजपा(रामविलास) के वरिष्ठ नेता डॉ. सत्यानंद शर्मा ने बुधवार को पटेल नगर के सरस्वती सदन में ‘बिहार में जातिवाद’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि पद से बोलते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि देश में जाति का इतिहास 5 हजार वर्षों से भी पुराना है। बिहार सहित देश के कई राज्यों में आज भी जातीय विषमता की खाई इतना भयावह है कि उसमें झांकने से भय लगता है। सैकड़ों समाज सुधारकों ने सामाजिक क्रांति की दिशा में अथक प्रयास किये परन्तु जातिवाद घटने के बजाये बढ़ता गया। डॉ. शर्मा ने कहा कि समाज सुधार तब तक संभव नहीं है, जब तक सामाजिक और सांस्कृतिक क्रांति करने का अभियान शुरू नहीं होगा।
वहीं विशिष्ट अतिथि पद से बोलते हुए युवा के राष्ट्रीय महासचिव अनिल कुमार पासवान ने कहा कि सामाजिक बुराईयों के खिलाफ डॉ. अम्बेडकर, डॉ. लोहिया, कर्पूरी ठाकुर, रामविलास पासवान जैसे नेताओं ने सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष किया। आज इनके आंदोलन को पुर्नजीवित करने की जरुरत है। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता वयोवृद्ध समाजवादी विचारक तारकेश्वर सिंह ने किया। वहीं मो. सलाम, कचहरी पासवान, जीतन राम अंबेडकर, रवि कुमार ने अपने विचार व्यक्त किये।


