पटना सिटी में स्मैक कारोबारियों का दहशत, विरोध करने वालों को मार दी जाती है गोली,मार-पिटाई तो आम बात

>>स्थानीय लोगों का आरोप-स्मैक के काले कारोबारी के। कई संरक्षक बैठे हैं पुलिस प्रशासन में भी

>>दबंगई दिखाते हैं,हथियार लहराते हैं,वीडियो भी वायरल होती है,मगर कार्रवाई नहीं होती
पटना।पटना के लगभग सभी इलाकों में नशे का कारोबार फल फूल रहा है। लेकिन पटना सिटी अनुमंडल में स्मैक माफियाओं का आतंक सर चढ़कर बोल रहा है। इसमें के सौदागर दिनदहाड़े तथा रात के अंधेरे में प्रशासन को चुनौती देते हुए स्थानीय लोगों पर अपनी दबंगई का कहर बरपाते रहते हैं।स्मैक के सेवन से जहां युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है वहीं इस नशे का विरोध करने वालों पर नशे के कारोबारी तुरंत जानलेवा हमला कर देते हैं। एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।जिसमें एक युवक हाथ में पिस्टल लिए एक दूसरे युवक की पिटाई कर रहा है।बताया जाता है कि जिस युवक की पिटाई की जा रही है उसका नाम मो. महताब है।पिटाई करने वाले का नाम कैश बताया जा रहा है।स्थानीय सूत्रों ने बताया कि उसकी पिटाई इसलिए की जा रही है कि वह इलाके में स्मैक बेचने वालों का विरोध करता है।
गौरतलब है कि पिछले मई माह में पटना सिटी के खाजेकला थाना क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ जब वहां के रहने वाले नन्हे खान ने आवाज उठाई तब ऐसा करना उसे भारी पड़ गया। इलाके में स्मैक की बिक्री का विरोध करना नन्हे खां के लिए जानलेवा साबित हो गया। स्मैक कारोबार से जुड़े अपराधियों ने उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिससे नन्हे खां बुरी तरह घायल हो गये। आनन-फानन में उन्हें तत्काल गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया। काफी इलाज के बाद उसकी जान बची। इस घटना के बाद इलाके में स्मैक बेचने वाले अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ गया है। नन्हे की तरह एक बार फिर से मेहताब की जान लेने की कोशिश की गई।इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आख़िर नशा माफिया इतना बेखौफ कैसे हो गया है कि विरोध करने वालों पर खुलेआम फायरिंग कर रहा है? नशा मुक्त समाज की बात करने वाली व्यवस्था क्या इस चुनौती से निपटने में विफल है? इस घटना से इलाके के लोगों में डर और आक्रोश का माहौल है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द ही स्मैक माफिया पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में और निर्दोष लोग इसके शिकार हो सकते हैं। राजधानी समेत सिटी अनुमंडल में नशा का कारोबार करने वाले बेहद संगठित रूप से गिरोह चला रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पुलिस प्रशासन में भी इनका संरक्षण देने वाले कई शख्स हैं इसलिए आम तौर पर उनके द्वारा समाज में की जा रहे दबंगई के खिलाफ पुलिस एक्शन नहीं लेती है खास तौर पर ऐसे अपराधी तत्वों के दबंगई का शिकार कमजोर तबके के लोग होते हैं। जिनकी शिकायत को आसानी से पुलिस कागजों में दबा देती है।कई बार तो शिकायत तक नहीं ली जाती है।उल्टा अपराधियों को सूचना मिल जाता है कि उसके खिलाफ फलाने ने शिकायत के लिए लिख कर दिया है।फिर उस पर अपराधियों की गाज गिरती है। तथा उसे पैर पीछे खींचने पड़ते हैं। जिस प्रकार से इस खतरनाक निशा से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई नहीं करती है।तो आने वाले दिनों में हालात और भी बुरे हो सकते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि स्मैक का कारोबार करने वाले अपराधी रात’दिन इलाके में हथियार लहराते चलते हैं।लेकिन सूचना देने पर भी पुलिस उन्हें पकड़ने नहीं आती है।