BIHAR : भैया दूज पर बहनों ने की भाई की सलामती की कामना

पटना। भैया दूज का पर्व कार्तिक शुक्ल द्वितीया शनिवार को परंपरागत तरीके से बहनों ने भाई की सलामती की कामना से मनायी। बहनों ने गोधन कूटने के साथ जीभ पर रेगनी का कांटा भी चुभोया। जहां बहने अपने भाई के लिए भाई दूज का पर्व मनायी, वहीं कायस्थ समुदाय के लोग भगवान चित्रगुप्त की पूजा पूरे विधि विधान से कर आशीष प्राप्त किए। शहर से लेकर गांव तक एक ओर जहां बहनों ने अपने भाईयों के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की, तो वहीं भाईयों ने भी बहनों को उपहार देकर हर मुश्किल घड़ी में साथ देने का वचन दिया। बहनों ने उनके हाथों की पूजा कर माथे पर तिलक लगाकर हाथ में कलेवा बांधा और मुंह मीठा कराकर उनकी लंबी आयु की कामना की।
कर्मपाश से मुक्त करते हैं यमराज
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि कार्तिक शुक्लपक्ष द्वितीया तिथि को यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया या भैया दूज के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर भोजन कराया था तथा इस अवसर पर यमलोक में उत्सव भी हुआ था। इस दिन बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करने तथा उन्हें यथाशक्ति दान देने से कर्मपाश में बंधे हुए नर्कीय पापियों को भी यमराज मुक्त कर देते हैं।
बहन के घर भोजन से अपरिमित सुख
पंडित झा ने स्कन्द पुराण का हवाला से कहा कि भाई दूज के दिन भाई को बहन के घर भोजन करना और उन्हें उपहार देने अत्यंत शुभ माना गया है। भाई दूज के दिन बहन के घर जाकर उनके हाथ से निर्मित भोजन करने से भाई को बल, पुष्टि, धन, यश, आयु, धर्म, अर्थ और अपरिमित सुखों की प्राप्ति होती है।

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