सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज, अदालत बोली- ट्रायल पूरा होने पर दोबारा करें अपील

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। दिल्ली शराब नीति घोटाले मामले में राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया 241 दिन से जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। आप नेता मनीष सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच में हुई। जस्टिस खन्ना ने कहा- घोटाले से जुड़े कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले हैं। इनमें 338 करोड़ का लेन-देन हुआ है, जिसमें सिसोदिया की भूमिका संदिग्ध लग रही है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। कोर्ट ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिया कि ट्रायल 6 से 8 महीने में पूरा करें। अगर देर होती है तो सिसोदिया जमानत के लिए दोबारा अपील कर सकते हैं। 17 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि सिसोदिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और घोटाले से उनका कोई संबंध नहीं है, फिर उन्हें आरोपी क्यों बनाया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ईडी ये नहीं कह रही कि पैसा आपके पास आया है। बल्कि उसका कहना है कि सिसोदिया की इन्वॉल्वमेंट में घोटाले का पैसा इधर-उधर किया गया है। कोर्ट ने इसके पहले 16 अक्टूबर को जांच एजेंसियों ईडी-सीबीआई से पूछा कि दिल्ली शराब नीति केस में मनीष सिसोदिया पर आरोप कब तय होंगे। आप उन्हें अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में नहीं रख सकते। बेंच ने जांच एजेंसियों की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूछा- एक बार किसी केस में चार्जशीट दायर हो जाने के बाद, आरोपों पर बहस तुरंत शुरू होनी चाहिए। निचली अदालत में सिसोदिया के खिलाफ आरोपों पर बहस कब शुरू होगी। सिसोदिया को आबकारी नीति केस में 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद इसी नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं। ​ईडी ने तिहाड़ जेल में पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई  की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 28 फरवरी को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

 

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