October 28, 2025

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार के विरोध में पटना में निकाला गया मौन मार्च, राज्यपाल को दिया गया मांग पत्र

पटना। पटना में शनिवार को राष्ट्रीय भारतीय समाज द्वारा बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में एक मौन मार्च का आयोजन किया गया। यह मार्च शहीद स्मारक से शुरू होकर राजभवन तक गया, जहां राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को मांग पत्र सौंपा गया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य बांग्लादेश में हिंदू समुदाय सहित अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना था।
शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि और विरोध प्रदर्शन
मौन मार्च की शुरुआत शहीद स्मारक से हुई, जहां प्रदर्शनकारियों ने पहले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद, बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा और अत्याचारों के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे। बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई, जिसमें महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और जबरदस्ती के मामलों पर तुरंत रोक लगाने की मांग प्रमुख रूप से उठाई गई।
राजभवन में मांग पत्र सौंपा गया
मौन मार्च के अंत में प्रदर्शनकारी राजभवन पहुंचे, जहां राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा गया। इस मांग पत्र में बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया गया। इसमें बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा, महिलाओं के सम्मान की रक्षा, और उनके धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों को सुनिश्चित करने की अपील की गई।
आह्वान और समर्थन की मांग
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह केवल बांग्लादेश के हिंदुओं का नहीं, बल्कि मानवता के सम्मान और सुरक्षा का मुद्दा है। उन्होंने भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इस विषय पर हस्तक्षेप करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की अपील की। यह मौन मार्च लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए एकजुटता का संदेश देने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
चिन्मय कृष्ण दास को तुरंत रिहा किया जाए
मार्च में शामिल काराकाट के पूर्व विधायक राजेश्वर राय ने कहा कि आज बांग्लादेश में हिंदुओं, जैन सहित सभी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है। बाप के सामने बेटी से, बेटे के सामने मां और उसके बहन के साथ बलात्कार किया जा रहा है। आए दिन हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। वहां हिंदुओं का जीना मुश्किल हो गया है। आज विश्व मानवाधिकार कहां है ? आज इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को बंधक बनाया गया है। उन्हें तुरंत रिहा किया जाए और वहां की स्थिति सामान्य की जाए। भारत सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए और विश्व स्तर पर इसका समाधान निकालना चाहिए।

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