पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार बोर्ड के मुख्यालय का किया घेराव, एसटीईटी स्थगित करने का विरोध, पुलिस बल तैनात
पटना। पटना में गुरुवार को शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मुख्यालय का घेराव किया। इसका कारण यह रहा कि बोर्ड ने अचानक माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2025 की आवेदन प्रक्रिया स्थगित कर दी। अभ्यर्थियों का कहना है कि आवेदन प्रक्रिया बीच में रोकना अनुचित है और इससे उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई है। विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए पटना स्थित बोर्ड कार्यालय के बाहर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई, ताकि स्थिति नियंत्रण में रखी जा सके।
आवेदन प्रक्रिया का स्थगन
एसटीईटी 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन 11 सितंबर से शुरू हुए थे और इसकी अंतिम तिथि 19 सितंबर तय की गई थी। हजारों अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन भी शुरू कर दिया था, लेकिन 13 सितंबर को अचानक बोर्ड ने आवेदन प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय ले लिया। इस फैसले से अभ्यर्थियों में निराशा फैल गई। बोर्ड की ओर से केवल इतना कहा गया कि नई तारीखें जल्द ही घोषित की जाएंगी और उम्मीदवारों को दोबारा आवेदन करने का मौका मिलेगा।
परीक्षा की अहमियत
एसटीईटी परीक्षा बिहार में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण चरण मानी जाती है। इस परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्थायी शिक्षक बनने की पात्रता मिलती है। परीक्षा का आयोजन 4 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2025 तक होना था। यही कारण है कि अभ्यर्थी इस परीक्षा को लेकर बेहद गंभीर रहते हैं, क्योंकि यह उनके करियर को सीधे प्रभावित करती है।
पात्रता की शर्तें
माध्यमिक स्तर पर शिक्षक बनने के लिए उम्मीदवार के पास संबंधित विषय में स्नातक या स्नातकोत्तर की डिग्री 50 प्रतिशत अंकों के साथ होना अनिवार्य है। इसके साथ ही बीएड की डिग्री भी जरूरी है। बीए-बीएड या बीएससी-बीएड धारक उम्मीदवार भी आवेदन करने के योग्य होते हैं। वहीं उच्चतर माध्यमिक स्तर पर शिक्षक बनने के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर और बीएड डिग्री अनिवार्य है।
परीक्षा शुल्क
बोर्ड ने इस परीक्षा के लिए अलग-अलग वर्गों के अनुसार शुल्क तय किया है। सामान्य, ईडब्ल्यूएस, पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के लिए एक पेपर की फीस 960 रुपये और दोनों पेपरों की फीस 1440 रुपये रखी गई है। वहीं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग उम्मीदवारों को एक पेपर के लिए 760 रुपये और दोनों पेपरों के लिए 1140 रुपये शुल्क देना होगा।
अभ्यर्थियों की नाराज़गी
आवेदन प्रक्रिया स्थगित होने से लाखों उम्मीदवार असमंजस की स्थिति में हैं। कई उम्मीदवारों ने आवेदन भरने की तैयारी कर ली थी और अब उन्हें दोबारा इंतजार करना होगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा का कार्यक्रम पहले से तय था, ऐसे में अचानक आवेदन प्रक्रिया रोकना उनके लिए मानसिक दबाव और असुविधा का कारण है। विरोध प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने मांग की कि बोर्ड जल्द से जल्द नई तिथियों की घोषणा करे ताकि उन्हें समय रहते आवेदन पूरा करने का अवसर मिल सके।
बोर्ड पर दबाव
विरोध प्रदर्शन और असंतोष के बीच अब सभी की निगाहें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हुई हैं। परीक्षा स्थगित होने के कारण न केवल अभ्यर्थियों बल्कि उनके परिवारों में भी चिंता का माहौल है। अभ्यर्थियों का मानना है कि इस प्रकार की अनिश्चितता उनकी पढ़ाई और तैयारी की गति को प्रभावित करती है। पटना में हुए इस विरोध से साफ है कि एसटीईटी परीक्षा केवल एक भर्ती परीक्षा नहीं बल्कि लाखों युवाओं के भविष्य की कुंजी है। आवेदन प्रक्रिया का अचानक स्थगन उनकी आशाओं और मेहनत पर सीधा असर डालता है। बोर्ड को चाहिए कि जल्द से जल्द नई तिथियां घोषित करे और अभ्यर्थियों की चिंताओं का समाधान करे। यही कदम अभ्यर्थियों का विश्वास बनाए रखेगा और शिक्षक बनने की दिशा में उनकी यात्रा को सुगम बनाएगा।


