देव मास कार्तिक में श्रीहरि विष्णु सहित माता लक्ष्मी की बरस रही है अक्षय कृपा

पटना। हिन्दू धर्मावलंबियों का सबसे पवित्र मास कार्तिक व्रत और त्योहारों से भरा महीना है। यह भगवान विष्णु का प्रिय तथा दिव्य मास है। इस माह में नियम-संयम का पालन करते हुए कार्तिक स्नान करने से समस्त पापों के मुक्ति मिल जाती है। पवित्र कार्तिक मास में देव तत्व मजबूत होते हैं। करवा चौथ के चार दिन पहले से इस पवित्र मास का आरंभ होता है।
सिद्धि-बुद्धि के साथ शुभ-लाभ की होती है प्राप्ति
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने कहा कि देव मास कार्तिक में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को प्रसन्न तथा सिद्धि-बुद्धि देने वाले विध्नहर्ता गणेश की कृपा से शुभ एवं लाभ को प्राप्त करने का मास है। इस मास में इनकी पूजा करने से उनकी अपार कृपा बरसती है। कार्तिक मास में प्रात: स्नान विशेषत: गंगा स्नान और दान का पुण्यप्रद विधान है।
अलौकिक शक्ति की प्राप्ति व असाध्य रोगो से मिलेगी मुक्ति
ज्योतिषी झा ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा तक प्रात: स्नान करने से शरीर में अलौकिक शक्ति का प्रवेश होता है। सूर्य की पहली किरण से पहले स्नान करने से पुरानी व असाध्य बीमारी का क्षय होता है। विष्णु पुराण के अनुसार इस देव मास में 33 कोटि देवता जल में समाधिस्थ होते हैं। अहले सुबह स्नान से इनकी विशेष कृपा होती है। इसी मास में होने वाले पांच दिनों तक दीपोत्सव का पर्व बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। धनतेरस पर विशेष शुभ मुहूर्त का लाभ उठाकर सनातन धर्मावलंबी समृद्धि और शुभ-लाभ का आशीर्वाद पा सकेंगे।
कार्तिक मास में होते हैं कई आध्यात्मिक पर्व-त्योहार
पंडित रमन झा ने बताया कि मुख्यत: करवा चौथ से कार्तिक मास की शुरूआत तथा कार्तिक पूर्णिमा पर इसका समापन होगा। इस अवधि में हिन्दुओं के पवित्र दीपोत्सव, छठ, चित्रगुप्त पूजा, गोवर्धन पूजा, भाई दूज जैसी कई महत्वपूर्ण त्योहार होते हैं। अंधेरे से उजाले में जाने का प्रतीक धनतेरस तथा दीपावली में जहां रौशनी की चकाचौंध के साथ माता लक्ष्मी की पूजा होगी। वही भाई-बहनों का पवित्र त्योहार भाई दूज भी इसी मास में मनाई जाएगी। बिहार एवं उत्तर प्रदेश में लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे हर्षो-उल्लास के साथ मनाया जाएगा। हरिहर क्षेत्र का विश्व प्रसिद्ध पशु मेला तथा कार्तिक पूर्णिमा स्नान के साथ 19 नवंबर को इस देव मास का समापन हो जाएगा।
पवित्र तुलसी का प्रकाट्य दिवस कार्तिक पूर्णिमा को
वैदिक पंडित राकेश झा ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा को ही तुलसी का प्रकाट्य दिवस भी मनाया जाएगा। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय है और केवल तुलसी दल अर्पित करके श्रीहरि को प्रसन्न किया जाता है। जो लोग तुलसी विवाह संपन्न कराते हैं, उनको वैवाहिक सुख का आशीर्वाद मिलता है। भगवान शालिग्राम से तुलसी विवाह के महोत्सव के प्रभाव से शादी में आ रही सारी रुकावटें दूर हो जाती है। यह कार्तिक मास भी विष्णु का ही मास है, इसीलिए इस पावन दिन में गंगा स्नान, दान, जप आदि का विशेष महत्व होता है।

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