पटना के जिलाधिकारी ने बिहटा के सीओ पर की बड़ी कार्रवाई, लापरवाही के मामले में भेजा शोकॉज नोटिस

पटना। पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने शनिवार को अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत दूसरे अपील में शिकायतों की सुनवाई की। उसका निवारण भी किया। लोक शिकायत निवारण में शिथिलता, संवेदनहीनता एवं बिना मन के काम करने के आरोप में अंचलाधिकारी बिहटा से स्पष्टीकरण मांगा है। डीएम ने लोक शिकायत के कुल आठ मामलों की सुनवाई की। फिर इसका समाधान किया। दरअसल, अपीलकर्ता मथुरा प्रसाद एवं सुनील कुमार ग्राम-समसारा अंचल-बिहटा को परिवाद समर्पित किया गया था। परिवादी की शिकायत खतियानी जमीन का लगान निर्धारण से संबंधित था। तात्कालिक जिला पदाधिकारी पटना के सामने जल्द लगान निर्धारित करने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया गया था। परिवादी ने बताया कि वे चार साल से इस काम के लिए दौड़ रहे हैं।
सीओ से मांगा गया स्पष्टीकरण
डीएम की ओर से इस पर गंभीर खेद व्यक्त करते हुए अंचलाधिकारी, बिहटा से स्पष्टीकरण मांगा गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि जब पहले से जमाबंदी कायम है तो किस परिस्थिति में लगान-निर्धारण का प्रस्ताव भूमि सुधार उप समाहर्ता को भेजा गया। भूमि सुधार उप समाहर्ता दानापुर ने भी अपने प्रतिवेदन में बताया है कि जमाबंदी पर खाता की भूमि का लगान निर्धारण पहले ही हो चुका है। चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि यदि जमाबंदी में कोई गलती है तो इसमें सुधार के लिए अपर समाहर्ता के यहां प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि परिवादी को चार साल से दौड़ाया जा रहा है। यह लोक प्राधिकार अंचलाधिकारी, बिहटा की लापरवाही को दिखाता है। उन्होंने अंचलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे यह स्पष्ट करे कि क्यों परिवादी की शिकायत का समाधान नहीं किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने अपर समाहर्ता को जांच कर देरी के लिए दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध जिम्मेदारी तय करने और कार्रवाई करने के का निर्देश दिया है। डीएम ने अपर समाहर्ता को यह भी निर्देश दिया है कि एक महीने के अंदर परिवादी के शिकायत का नियमानुसार समाधान करें। जिलाधिकारी ने अब इस मामले की सुनवाई 18 अगस्त को निर्धारित किया है। जिलाधिकारी डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय समाधान जरूरी है।

You may have missed