November 14, 2025

मुजफ्फरपुर में भीषण जल संकट, भूजल का स्तर 50 से 60 फीट गिरा, सूखने लगे चापाकल

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर शहर इस समय गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। मानसून की बारिश में लगातार हो रही देरी और सूखे जैसी स्थिति के कारण यहां भूजल स्तर तेजी से गिरा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि शहर के कई हिस्सों में चापाकल और सबमर्सिबल पंप पानी देना बंद कर चुके हैं।
भूजल स्तर में भारी गिरावट
नगर निगम द्वारा अप्रैल में कराए गए जल स्तर मापन के अनुसार मिठनपुरा में जलस्तर 50 फीट, चंदवारा और पक्की सराय में 53 फीट, सादपुरा में 55 फीट और खबरा में 50 फीट नीचे दर्ज किया गया था। बारिश न होने के कारण अब यह स्तर और 5 से 10 फीट नीचे चला गया है, जिससे कई इलाकों में पानी निकालना संभव नहीं हो रहा है।
पंपों की क्षमता हुई प्रभावित
शहर में जलापूर्ति के लिए निगम द्वारा संचालित पंप जैसे कि मारवाड़ी आई स्कूल, अखाड़ाघाट, चंदवारा और ब्रह्मपुरा स्थित पंप अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं। जल कार्य शाखा के प्रभारी उपेंद्र कुमार सिंह ने जानकारी दी कि पंप तो चल रहे हैं लेकिन भूजल स्तर नीचे चले जाने के कारण डिस्चार्ज क्षमता में भारी गिरावट आई है। इससे दूर-दराज के इलाकों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है।
टैंकरों से हो रही आपूर्ति, लेकिन नाकाफी
नगर निगम ने प्रभावित इलाकों में टैंकरों के जरिए पानी की आपूर्ति शुरू की है, लेकिन यह पूरी तरह से पर्याप्त नहीं है। खासकर वार्ड 31 की पार्षद ने बताया है कि एक टैंकर से पूरे क्षेत्र की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। कच्ची पक्की, इंद्रा कॉलोनी, बजरंग नगर, रामदयालू रोड जैसे क्षेत्रों में लोग पानी के लिए परेशान हैं और कहीं-कहीं हालात त्राहिमाम जैसे हो गए हैं।
बूढ़ी गंडक के किनारे बसे इलाके सबसे अधिक प्रभावित
शहर के जिन इलाकों में भूजल स्तर सबसे तेजी से गिरा है, उनमें बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसे क्षेत्र प्रमुख हैं। इनमें कच्ची पक्की, इंद्रा कॉलोनी, मझौली धर्मदास, अतरदह, सत्संग गली और बजरंग नगर शामिल हैं। इन स्थानों पर चापाकल सूख चुके हैं और लोग दूर-दराज से पानी लाने को मजबूर हैं।
जल संरक्षण के लिए अपील और योजनाएं
नगर निगम ने आम नागरिकों से जल संरक्षण की अपील करते हुए प्रत्येक घर में वर्षा जल संचयन प्रणाली यानी सोख्ता बनाने का अनुरोध किया है। इसके अलावा निगम ने जल कार्य शाखा को निर्देश दिया है कि संकटग्रस्त इलाकों में अतिरिक्त टैंकर भेजे जाएं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि जल संकट से निपटने के लिए अटल भूजल योजना और जल शक्ति अभियान जैसे केंद्र सरकार के कार्यक्रमों को स्थानीय स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू किया जाए। इसके तहत भूजल रिचार्ज के लिए वर्षा जल संग्रहण, पुराने तालाबों का पुनर्जनन और सिंचाई में ड्रिप इरिगेशन जैसी जल-बचत तकनीकों को बढ़ावा देना जरूरी है।
स्थानीय सहभागिता से ही हल निकलेगा
मुजफ्फरपुर में जल संकट की इस गंभीर स्थिति को देखते हुए यह साफ है कि केवल सरकारी प्रयासों से समस्या का समाधान नहीं होगा। इसके लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा और जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। यदि अभी से ठोस और दीर्घकालिक उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले समय में यह संकट और विकराल रूप ले सकता है।

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