पटना में शीतलहर से कड़ाके की ठंड, दिन में गिर रही ओस, हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा
पटना। राजधानी समेत पूरे बिहार में शीतलहर के कारण कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को प्रभावित किया है। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हो रही बर्फबारी का असर प्रदेश में साफ देखा जा रहा है। साथ ही पछुआ हवाओं के कारण ठंड और अधिक बढ़ गई है। पिछले एक सप्ताह से पटना सहित कई जिलों में न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार सुबह ओस की बूंदें आसमान से टपक रही थीं और घना कोहरा छाया रहा। हालांकि, सोमवार को दिन में धूप खिली थी, लेकिन शाम होते-होते ठंडक और बढ़ गई।
हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा
ठंड बढ़ने के साथ ही हार्टअटैक और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग ने विशेषकर बुजुर्गों और कमजोर स्वास्थ्य वाले व्यक्तियों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। लोगों से अपील की गई है कि जब तक कोई जरूरी काम न हो, तब तक घर से बाहर न निकलें। ठंड के कारण हृदय और श्वसन संबंधी समस्याओं में इजाफा हो सकता है, जिससे विशेष सतर्कता की आवश्यकता है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने राज्य के 20 जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। राजधानी पटना समेत उत्तर बिहार के अधिकांश हिस्सों में सुबह घना कोहरा छाने की संभावना जताई गई है। विभाग ने 10 जनवरी के बाद से ठंड के और बढ़ने की चेतावनी दी है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण पूरे बिहार में हाड़ कंपाने वाली ठंड पड़ने के आसार हैं।
न्यूनतम और अधिकतम तापमान
पिछले 24 घंटों में छपरा और बांका राज्य के सबसे ठंडे जिले रहे। छपरा में न्यूनतम तापमान 7.7 डिग्री सेल्सियस और बांका में 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, गोपालगंज और सीतामढ़ी सबसे गर्म रहे, जहां अधिकतम तापमान क्रमशः 27.3 और 27.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
ठंड और फसलों पर असर
जहां एक ओर ठंड ने जनजीवन को प्रभावित किया है, वहीं कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि यह मौसम गेहूं की फसल के लिए फायदेमंद है। ठंड से फसल की पैदावार में सुधार होने की संभावना है। बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें। गर्म कपड़े पहनें और हीटर या ब्लोअर का इस्तेमाल करें। घर से बाहर निकलते समय शरीर को पूरी तरह से ढकें। गुनगुना पानी पीते रहें। ठंड में बाहर काम करने वालों के लिए गर्म पेय और पोषण युक्त भोजन जरूरी है। पटना और आसपास के क्षेत्रों में शीतलहर ने ठंड को बेहद कड़ाके का बना दिया है। स्वास्थ्य और कृषि दोनों ही दृष्टिकोण से सतर्कता बरतना आवश्यक है। सरकार और मौसम विभाग की सलाह का पालन करते हुए इस सर्द मौसम में सुरक्षित और स्वस्थ रहने का प्रयास करें।


