बिहार में सैप जवानों की सेवा अवधि का हुआ विस्तार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने दी जानकारी

पटना। बिहार सरकार ने राज्य में कार्यरत स्पेशल ऑक्जिलरी पुलिस (सैप) के जवानों की सेवा अवधि बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है। यह निर्णय बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा मंगलवार को सार्वजनिक रूप से घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि यह निर्णय राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूती देने और आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने की दिशा में उठाया गया एक ठोस कदम है।
1717 सैप कर्मियों को मिलेगा सेवा विस्तार
वर्तमान में बिहार पुलिस के अंतर्गत 1717 सैप कर्मी कार्यरत हैं, जिनमें 1698 जवान, 10 जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और 9 रसोइया शामिल हैं। सरकार ने इन सभी कर्मियों की सेवा अवधि को आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिए बढ़ा दिया है। यह विस्तार अनुबंध आधारित सेवा के अंतर्गत आता है, जिसमें विशेष रूप से सेना से सेवानिवृत्त जवानों को रखा गया है।
राज्य सरकार ने स्वीकृत की 43.66 करोड़ रुपये की राशि
सेवा विस्तार के साथ ही राज्य सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया के लिए 43.66 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी दी है। यह राशि इन सैप जवानों के वेतन, सुविधाएं और अन्य संबंधित खर्चों को पूरा करने के लिए आवंटित की गई है। इससे न केवल सैप कर्मियों को आर्थिक रूप से स्थिरता मिलेगी, बल्कि सरकार के लिए भी एक अनुभवी बल को बनाए रखने में मदद मिलेगी।
सैप की स्थापना और उद्देश्य
सैप का गठन वर्ष 2006 में बिहार में एनडीए सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान किया गया था। इसका प्रमुख उद्देश्य राज्य में कानून-व्यवस्था को शीघ्रता से सुधारना था। इसमें ऐसे जवानों की नियुक्ति की गई थी जो भारतीय सेना से सेवानिवृत्त होकर अनुबंध पर कार्य करने के इच्छुक थे। इस व्यवस्था से राज्य को एक अनुभवी और प्रशिक्षित बल मिला जो कठिन परिस्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया देने में सक्षम है।
सैप से पुलिस को मिली बड़ी सहायता
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सैप की मौजूदगी ने बिहार पुलिस बल को एक मजबूत सहयोगी शक्ति प्रदान की है। सेना से रिटायर हुए जवानों की अनुशासन, प्रशिक्षण और कार्यकुशलता ने पुलिस बल की क्षमता को और अधिक प्रभावशाली बनाया है। ये जवान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से लेकर चुनाव ड्यूटी, दंगा नियंत्रण और आपदा राहत जैसे अहम कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सेवा विस्तार का व्यापक प्रभाव
इस सेवा विस्तार से एक ओर जहां सैप जवानों को रोजगार की निरंतरता मिलेगी, वहीं दूसरी ओर राज्य में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सरकार को मजबूती मिलेगी। विशेषकर सीमावर्ती और संवेदनशील क्षेत्रों में इन जवानों की तैनाती राज्य की सुरक्षा रणनीति को सशक्त बनाएगी। सैप जवानों की सेवा अवधि बढ़ाने का निर्णय राज्य सरकार की दूरदर्शिता और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे न केवल कानून-व्यवस्था में सुधार होगा बल्कि सेना से सेवानिवृत्त जवानों को अपने अनुभव का उपयोग कर समाज की सेवा करने का एक नया अवसर भी प्राप्त होगा। यह कदम भविष्य की सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए भी एक सशक्त नींव साबित हो सकता है।

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