पालीगंज में महिला की संदिग्ध मौत से सनसनी, परिजनों का पुलिस पर पिटाई का आरोप, रात में की थी छापेमारी

पटना। पालीगंज अनुमंडल अंतर्गत दुल्हिन बाजार थाना क्षेत्र के झबूचक गांव में शुक्रवार रात एक महिला की रहस्यमयी मौत से इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक महिला की पहचान सतेंद्र बिंद की पत्नी राधिका देवी के रूप में हुई है। इस घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है और परिजन स्थानीय पुलिस पर हत्या का गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
रात में हुई पुलिस छापेमारी के दौरान हुई घटना
बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात करीब 12 से 1 बजे के बीच दुल्हिन बाजार थाना की पुलिस एक अपहरण के मामले में छापेमारी करने झबूचक गांव पहुंची थी। इस दौरान पुलिस ने पड़ोसी के घर की छत के रास्ते सतेंद्र बिंद के घर में प्रवेश किया। बहू जीरा कुमारी के अनुसार, पुलिस ने घर में घुसते ही उन्हें और उनकी सास राधिका देवी को पीटना शुरू कर दिया। इसी क्रम में राधिका देवी को धक्का लग गया, जिससे वे बेहोश होकर गिर पड़ीं।
पुलिसकर्मियों का रवैया और घटना के बाद की स्थिति
जीरा कुमारी का कहना है कि घटनास्थल पर मौजूद एक महिला पुलिसकर्मी ने राधिका देवी को होश में लाने के लिए प्याज और पानी देने की बात कही, लेकिन इसके कुछ ही देर बाद सभी पुलिसकर्मी वहां से चले गए। जब परिवार वालों ने राधिका देवी की हालत देखी तो उन्हें मृत पाया गया।
स्थानीय लोगों का प्रदर्शन और पुलिस प्रशासन की कार्रवाई
महिला की मौत के बाद शनिवार को ग्रामीणों ने पालीगंज-मसौढ़ी मुख्य मार्ग पर ईचीपुर के पास शव रखकर सड़क को जाम कर दिया और आगजनी की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मृतका को न्याय दिलाने की मांग की। सूचना मिलने पर पालीगंज अनुमंडल पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
पुलिस की सफाई और अधिकारी का बयान
पालीगंज डीएसपी 2 उमेश्वर कुमार चौधरी ने बताया कि कुछ दिन पहले झबूचक गांव निवासी पूनम देवी ने अपनी नाबालिग बेटी के अपहरण का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया था। हालांकि थाने में तत्काल प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, जिस पर पीड़िता ने डीजीपी विनय कुमार के जनता दरबार में शिकायत की। डीजीपी के निर्देश पर जांच हुई और पालीगंज डीएसपी के नेतृत्व में सच्चाई सामने आने के बाद पटना एसएसपी ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया। पुलिस का कहना है कि महिला की मौत की सटीक वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि यदि किसी पुलिसकर्मी की लापरवाही या मारपीट की पुष्टि होती है तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पोस्टमार्टम और जांच प्रक्रिया जारी
फिलहाल मृतका राधिका देवी के शव को पोस्टमार्टम के लिए एम्स पटना भेजा गया है। जिला प्रशासन द्वारा मेडिकल टीम का गठन कर जांच की जा रही है। अधिकारी का कहना है कि निष्पक्ष जांच कर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। ग्रामीणों को समझाकर सड़क जाम हटवा दिया गया है और उन्हें भी निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया है।
अपहरण मामले की पृष्ठभूमि और पुलिस की लापरवाही
यह मामला केवल एक संदिग्ध मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे पुलिस की लापरवाही और एक अपहरण मामले को नजरअंदाज करने की कहानी भी जुड़ी है। पूनम देवी ने चार दिन पहले अपनी बेटी के अपहरण की शिकायत दी थी, लेकिन उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। जब उन्होंने डीजीपी के दरबार में गुहार लगाई, तभी जाकर पुलिस हरकत में आई और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी गई। उसी दौरान यह दुखद घटना घटी। इस पूरे प्रकरण ने बिहार पुलिस की कार्यशैली और जवाबदेही पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन कितनी पारदर्शिता और गंभीरता से इस मामले की जांच करता है और क्या पीड़ित परिवार को समय पर न्याय मिल पाता है।

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