पटना में लगाए गए ब्लैक एंड व्हाइट पोस्टर का क्या है राज?, RJD-JDU में वार-पलटवार

पटना। राजधानी पटना में लगाए गए एक ब्लैक एंड व्हाइट पोस्टर ने सियासत को एक बार फिर गर्मा दिया है। यह पोस्टर किसकी ओर से चिपकाए गए हैं, पता नहीं चल पाया है। पोस्टर में किसी राजनीतिक पार्टी या संस्था का नाम भी नहीं है। पोस्टर में किसी की तस्वीर नहीं है। सिर्फ इतना ही लिखा है- ‘नीतीश बाबू….आपके निकम्मेपन की कीमत जनता कब तक चुकाएगी?’ इस पोस्टर के मीडिया में आते ही राजद-जदयू आमने सामने आ गई है।
सोमवार सुबह वीरचंद पटेल पथ पर पोस्टर को लगाया जा रहा था। एक युवक राजद कार्यालय के पास वाले बस स्टॉप की दीवार पर यह व्यक्ति पोस्टर चिपकाता दिखा। उसने पटना के अन्य इलाकों पटना सेंट्रल के अलावा गायघाट जैसे इलाके में भी इस पोस्टर को चिपकाया है। पूछने पर बताया कि किसी व्यक्ति ने उसे यह काम सौंपा है और पैसे दिए हैं। उससे कहा गया है कि गांधी मैदान से वीरचंद पटेल पथ तक पोस्टर चिपका दो। पोस्टर चिपकाने वाले का नाम संतोष है। कहा कि वह पढ़ा-लिखा नहीं है और उसे नहीं पता कि पोस्टर में क्या लिखा है।
राजद बोला, उनकी पार्टी ने नहीं लगाया पोस्टर
इस पोस्टर को लेकर राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से पूछा तो उन्होंने कहा कि जो बात पोस्टर में लिखा गया है, वह वाजिब है। जनता ने मुख्यमंत्री को आईना दिखाया है। यह पोस्टर राजद की ओर से नहीं लगाया गया है। यह आम जनता की आवाज है।
जदयू ने दी तीखी प्रतिक्रिया
वहीं पूर्व मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने राजद के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह छद्म पोस्टर है। लगवाने वाले ने अपना नाम तक नहीं लिखा और जिम्मेवारी भी नहीं ली है। कहा कि परोक्ष रूप से ट्वीटर परिवार इसमें दिखता है। चार सौ बीसी करना तो उनके कानूनी डीएनए में है, तो राजनीतिक डीएनए में कैसे नहीं होगा। जनता को मालूम है कि सरकार कोरोना से मुकाबला करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। लेकिन उनकी चुनौती है पॉलिटिकल कोविड।

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