CM आवास के बाहर फूट-फूट कर रोए JDU नेता, कहा- मुझे मेरी पत्नी से बचाईए, नक्सलियों से है साठगांठ

पटना। दरभंगा जिले के बहादुरपुर थाना के मेकना गांव के रहने वाले व जदयू अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अवधेश कुमार ने अपने पार्टी के नेता व सीएम नीतीश कुमार से पत्नी से बचाने की गुहार लगाई है। अवधेश कुमार ने कहा, ‘मुझे मेरी पत्नी से बचाओ। पत्नी की नक्सलियों से साठगांठ है। पत्नी के कहने पर बार-बार नक्सली आते हैं और घर घेर लेते हैं।’ अवधेश मंगलवार को सीएम आवास पर परिवार के साथ गुहार लगाने पहुंचे थे, लेकिन उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकी। इसके बाद वह वहीं फूट-फूट कर रो पड़े।
शादी के बाद से ही पत्नी के नक्सलियों से संबंध
जदयू नेता अवधेश कुमार ने बताया कि पत्नी नक्सलियों के साथ साठगांठ कर पूरे परिवार को परेशान कर रही है। नक्सली पूरे परिवार के साथ मारपीट करते हैं। पत्नी ने झूठे मुकदमें में भी फंसा दिया है। उन्होंने बताया कि 2006 में बहरी थाना के पकड़ी गांव में मेरी शादी हुई थी। शादी के कुछ साल बाद से ही मुझे उसके नक्सलियों के साथ सांठगांठ की जानकारी मिली। पत्नी का नक्सली नेता मनोज लाल से संपर्क है। वह उसकी बातों में आकर 2012 में मेरे खिलाफ झूठा केस कर चुकी है। कोर्ट में समझौता हुआ था, लेकिन इसके बाद भी मनोज लाल परेशान कर रहा है। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को दादी का देहांत हो गया। अगले दिन मनोज लाल 50 के करीब नक्सलियों को लेकर पहुंचा और मेरे पूरे घर को घेर लिया। इसकी जानकारी मैंने स्थानीय थाना और पुलिस के वरीय अधिकारियों को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगले दिन डीजीपी को कॉल किया तो उन्होंने कोरोना की बात कहकर मिलने से इनकार कर दिया।
पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की
जदयू नेता ने बताया कि मंत्री मदन सहनी से बात की, फिर एसपी से बात की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उल्टा यह कहा गया कि थाने ने इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि इससे उनकी बदनामी होती कि इतनी बड़ी संख्या में कैसे नक्सली पहुंच गए। 7 मई को पत्नी घर से 50 हजार रुपए और अन्य सामान लेकर चली गई। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। बाद में मनोज लाल ने मुझे और मेरे भाई के खिलाफ ही झूठा केस कर फंसाने की कोशिश की। अवधेश कुमार ने बताया कि इसके पहले भी उन्होंने मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर कई जगह गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में मुख्यमंत्री से ही न्याय की उम्मीद है।

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