सनसनीखेज-जिंदा महिला की हत्या के आरोप में पूरे परिवार को जेल भेजा,न्यायधीश ने केस आईओ पर छह लाख का जुर्माना लगाया

पटना बिहार पुलिस की लापरवाह तथा गैर जिम्मेदाराना कार्यशैली का पोल खोलते हुए सुपौल के सिविल कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए जिंदा औरत की हत्या के फर्जी आरोप में पूरे परिवार को जेल भेजे जाने के मामले में केस के आईओ (अनुसंधान पदाधिकारी) पर छह लाख का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इस हैरतअंगेज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला तथा इसमें की गई पुलिसिया कार्रवाई पूरे पुलिस सिस्टम के लिए एक काला धब्बा है। कोर्ट ने कहा के जुर्माने का पैसा इस केस के जांच अधिकारी अपने सैलरी से भरेंगे। जिंदा पत्नी की हत्या के फर्जी आरोप में जेल भेजे गए रंजीत पासवान और उसके पूरे परिवार के मामले में शिव कुरूप सिविल कोर्ट के न्यायाधीश ने ऐतिहासिक निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले से साफ जाहिर हो गया कि अनुसंधान के मामले में पुलिस के वैज्ञानिक मतों का दावा अब भी कितना खोखला है।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रवि रंजन मिश्र ने सुपौल थाना कांड संख्या 310/ 2018 में निर्णय सुनाते हुए कांड के तीन अभियुक्त रंजीत पासवान,विष्णु पासवान तथा गीता देवी को हत्या के आरोप से बरी कर दिया। उल्लेखनीय है कि इस मामले में अचानक एक महिला लापता हो गई थी। जिसके बाद उक्त महिला के मायके वालों ने ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाया था।पुलिस ने इस मामले में बेहद लापरवाही बरतते हुए किसी दूसरे के शव को देखकर उसे उक्त गायब महिला का शव बता दिया और बिना अनुसंधान के आरोपियों को जेल भेज दिया।इस मामले पर कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस कुर्सी-टेबल में बैठकर हित जांच का कार्य निपटा लेती है। जिस कारण ऐसे नतीजे सामने आते हैं।

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