प्रदेश में कल से शुरू होगा बालू खनन और बिक्री का काम, पहली बार लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध कराएगी सरकार

पटना। बिहार राज्य में बालू खनन और उसकी बिक्री का कार्य 16 अक्टूबर से पुनः शुरू होने जा रहा है। यह काम राज्य के लगभग 236 बालू घाटों से शुरू होगा। राज्य के खान एवं भूतत्व विभाग ने इसके लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। अभी तक बालू खनन 15 जून से 15 अक्टूबर तक बंद था, जो कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों के तहत किया गया था। इस प्रतिबंध का उद्देश्य मॉनसून के दौरान नदियों के प्राकृतिक प्रवाह को बनाए रखना था। बालू खनन शुरू होने के बाद घाटों की संख्या में भी काफी वृद्धि होगी। पहले राज्य में 152 घाटों से बालू खनन किया जा रहा था, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़कर 236 हो जाएगी, जिससे खनन के घाटों की संख्या में लगभग 55 प्रतिशत की वृद्धि होगी। राज्य में कुल मिलाकर 891 घाट हैं, जिनमें से 488 लाल बालू के और 403 सफेद बालू के घाट हैं।
बालू घाटों को मिली पर्यावरणीय मंजूरी
236 घाटों को पहले ही खनन के लिए पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है, जबकि बाकी घाटों के लिए मंजूरी और बंदोबस्ती की प्रक्रिया जारी है। यह प्रक्रिया पूरी होते ही उन घाटों से भी खनन कार्य शुरू कर दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य अधिक से अधिक घाटों से खनन कार्य शुरू करना है ताकि आम लोगों को निर्माण कार्यों के लिए बालू आसानी से और उचित कीमत पर मिल सके। इसके साथ ही राज्य के राजस्व में भी वृद्धि की जा सकेगी।
बालू और खनन सामग्री पर नियंत्रण के उपाय
खनन सामग्री की ढुलाई में पारदर्शिता और अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार ने कुछ नए नियम लागू किए हैं। बालू और गिट्टी ढोने वाले वाहनों पर लाल रंग की 20 इंच चौड़ी पट्टी पेंट की जाएगी। इस पट्टी पर सफेद रंग से छह इंच चौड़े फॉन्ट साइज में खनन वाहन की निबंधन संख्या और निबंधन साफ्ट की संख्या लिखी जाएगी। इससे खनिज लदे वाहनों को दूर से ही पहचाना जा सकेगा और अवैध खनन सामग्री की ढुलाई पर भी सख्त निगरानी रखी जा सकेगी। यह कदम राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन पर अंकुश लगाने और खनिज ढुलाई की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है। इससे उन वाहनों की पहचान आसान हो जाएगी जो बिना उचित अनुमति के बालू और खनिज ढो रहे हैं, और अवैध गतिविधियों पर सख्ती से कार्रवाई की जा सकेगी।
बालू खनन से आम लोगों को लाभ
बालू खनन के पुनः शुरू होने से राज्य के आम लोगों को बहुत लाभ होगा। चार महीने से बालू खनन बंद होने के कारण निर्माण कार्य ठप पड़ गए थे और बालू की कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिली थी। अब जब खनन फिर से शुरू होगा, तो बालू की कीमतें नियंत्रित हो जाएंगी और आम लोगों को आसानी से बालू उपलब्ध हो सकेगा। राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बालू खनन और उसकी बिक्री की प्रक्रिया अब ऑनलाइन उपलब्ध होगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और लोग आसानी से बालू खरीद सकेंगे। इस डिजिटल व्यवस्था से अवैध खनन और व्यापार पर भी रोक लगेगी, जिससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।
ड्रोन सर्वे रिपोर्ट का निर्देश
खनन विभाग ने ठेकेदारों को यह भी निर्देश दिया है कि वे बालू खनन की स्थिति की ड्रोन सर्वे रिपोर्ट जमा करें। यह कदम खनन की निगरानी को सटीक बनाने और घाटों की स्थिति का वास्तविक आकलन करने के लिए उठाया गया है। ड्रोन तकनीक का उपयोग खनन की निगरानी में पारदर्शिता लाने और अवैध खनन पर रोक लगाने में सहायक साबित होगा।
बालू व्यापारियों को मिलेगा फायदा
बालू खनन के फिर से शुरू होने से व्यापारियों को भी फायदा होगा। लंबे समय से खनन बंद होने के कारण बालू व्यापारियों का कारोबार ठप पड़ा हुआ था। अब जब खनन कार्य फिर से चालू होगा, तो बालू की आपूर्ति बेहतर हो जाएगी और व्यापारियों को आर्थिक लाभ होगा। साथ ही, बालू की मांग भी पूरी हो सकेगी, जिससे बाजार में स्थिरता आएगी। सरकार का यह कदम राज्य के विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी मददगार साबित होगा। निर्माण कार्यों में बालू की अहम भूमिका होती है, और इसके उपलब्ध होने से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में निर्माण कार्यों में तेजी आएगी। 16 अक्टूबर से बालू खनन का काम फिर से शुरू होने से बिहार के निर्माण क्षेत्र को बड़ा फायदा होगा। बालू की आपूर्ति बढ़ने से कीमतों में स्थिरता आएगी और आम जनता को इसका सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही, राज्य सरकार को राजस्व में बढ़ोतरी होगी और अवैध खनन पर भी प्रभावी रोक लगेगी। डिजिटल प्रक्रिया और नई तकनीकों का उपयोग बालू खनन को अधिक पारदर्शी और नियंत्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
