संविदा स्वास्थ्यकर्मी चले गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर,कर्मियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया

सीतामढ़ी।जिले में फैल रहे कोरोना महामारी के बीच बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।कर्मियों ने सरकार पर किए गए वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए हड़ताल करने का ऐलान कर दिया है।

 

संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने के कारण सीतामढ़ी में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो सकती है।जिले में सभी 17 प्रखंडों में कोरोना का जांच भी बंद हो सकता है।संविदा कर्मी कई महीनों से सरकार से अपने वेतन बढ़ोतरी, इंश्योरेंस समेत 17 सूत्री मांग करते आ रहे हैं।

 

सीतामढ़ी के सिविल सर्जन को अपनी मांग पत्र सौंप कर बाहर निकल रहे संविदा कर्मी में से एक समरेंद्र वर्मा ने बताया कि इस कोरोना के दौर में सभी पूरे मन से कार्य कर रहे हैं लेकिन हमारे भी परिवार है, हमारी भी मजबूरियां हैं।हमारी सरकार से कोई बड़ी मांग नहीं है।सरकार ने वादा भी किया था कि वह इस मांग को मान लेगी।लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद कोई पहल सरकार द्वारा नहीं की गई।मजबूरन वे लोग फिर से हड़ताल पर जा रहे हैं।

बताते चलें इससे पूर्व 20 जुलाई को संविदा कर्मी राज्य स्तर पर हड़ताल पर गए थे। इसके 2 दिन बाद सरकार और संघ के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई, जिसमें सरकार ने एक महीने के अंदर मांग को मान लेने का वादा किया लेकिन एक महीना बीत जाने के बावजूद सरकार द्वारा पहल नहीं की गई।जिस कारण संविदा कर्मी एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

विदित हो की जिले में वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही हैं। एसे में स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल पर चले जाने से कॉरोना का जाच कराए लोगो के डाटा का कार्य पूरे तरीके से ठप हो जाएगा ।साथ ही वर्तमान परिस्थिति में हो रही जांच में गिरावट होने की संभावनाएं बन रही है। तो वहीं जांच कम होने से कारोना का संक्रमण फैलने की भी आशंका बढ़ सकती है।

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