भाजपा विधायक दल के नेता चुने गए सम्राट चौधरी, चिराग ने रखी दो मंत्री और डिप्टी सीएम की मांग
पटना। बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। बुधवार को पटना स्थित बीजेपी कार्यालय में आयोजित विधायक दल की बैठक में बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली। इस बैठक में सम्राट चौधरी को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। इसके साथ ही विजय सिन्हा को विधानमंडल का उपनेता नियुक्त किया गया। यह फैसला आगामी सरकार में भाजपा की भूमिका और ताकत दोनों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।
नीतीश कुमार गुरुवार को गांधी मैदान में शपथ लेंगे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार सुबह 11:30 बजे गांधी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। ऐतिहासिक और विशाल गांधी मैदान में आयोजित होने वाला यह शपथ ग्रहण समारोह बेहद खास होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल होने वाले हैं। प्रशासनिक और सुरक्षा तैयारियां पहले से ही तेज कर दी गई हैं। इसके पहले बुधवार को सुबह 11 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें नए नेता का चयन किया गया। कुछ ही घंटों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पटना पहुंचने की भी खबर है। वे नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे और भाजपा नेतृत्व के साथ मिलकर मंत्रियों की अंतिम सूची पर चर्चा करेंगे।
चिराग पासवान ने रखी दो मंत्री और डिप्टी सीएम पद की मांग
एनडीए की राजनीति में एक और दिलचस्प मोड़ तब आया, जब सूत्रों के अनुसार लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने दो मंत्री पदों के साथ एक डिप्टी सीएम पद की मांग रख दी। लोजपा (आर) इस बार 19 सीटों के साथ मजबूत स्थिति में है, जिसके आधार पर चिराग सरकार में प्रतिनिधित्व का दावा कर रहे हैं। चिराग अपने बहनोई अरुण भारती का नाम मंत्री पद के लिए आगे बढ़ा रहे हैं। हालांकि एनडीए की आंतरिक बैठकों में इस पर सहमति बनेगी या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
केंद्रीय पर्यवेक्षकों की तैनाती
विधायक दल के नेता के चयन से पहले भाजपा के संसदीय बोर्ड ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी थी। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मुख्य पर्यवेक्षक बनाया गया है, जबकि केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक बनाया गया है। ये सभी नेता मंगलवार रात ही पटना पहुंच चुके थे। उनका मुख्य उद्देश्य था कि बिहार भाजपा के विधायक दल में सर्वसम्मति से नेता चुना जाए और संगठनात्मक फैसलों में एकरूपता बनी रहे।
एनडीए बैठक और आगे की प्रक्रिया
बुधवार शाम को विधानसभा भवन के सेंट्रल हॉल में एनडीए की विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक होगी। इसमें भाजपा, जनता दल यूनाइटेड, लोजपा (आर), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के कुल 202 विधायक शामिल होंगे। बैठक में एनडीए एक बार फिर नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुनेगा। इस बैठक में नीतीश कुमार, चिराग पासवान, संतोष सुमन, उपेंद्र कुशवाहा, सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा सहित एनडीए के सभी प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे। सभी दल अपने-अपने विधायक दल के नेता पर विचार करने के बाद एकमत से नीतीश कुमार का समर्थन करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार औपचारिक रूप से राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपेंगे। साथ ही, एनडीए के विधायक दल का नेता चुने जाने के आधार पर वे सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। पूरे घटनाक्रम के शाम तक पूरा होने की संभावना है।
मंत्रिमंडल गठन की तैयारियां
सूत्रों के अनुसार, भाजपा और जदयू के बीच मंत्रियों की संख्या पर अंतिम फैसला हो चुका है। भाजपा को 16 मंत्री मिलेंगे, जबकि जदयू को 15 पद दिए जाएंगे। लोजपा (आर) को 3, हम और रालोमो को 1-1 मंत्री पद मिलने की संभावना है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना पहुंचकर इन नामों को अंतिम रूप देंगे, जिसके बाद इन्हें राजभवन भेजा जाएगा। बिहार की राजनीति में बुधवार का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहा। सम्राट चौधरी का भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में चयन भाजपा की नई भूमिका और रणनीति का संकेत देता है। वहीं लोजपा (आर) द्वारा डिप्टी सीएम समेत बड़ी हिस्सेदारी की मांग ने एनडीए में शक्ति संतुलन की नई चर्चा शुरू कर दी है। सभी की निगाहें अब गुरुवार को होने वाले भव्य शपथ ग्रहण समारोह और उससे पहले होने वाली राजनीतिक बैठकों पर टिकी हैं, जिनमें नई सरकार के चेहरे और संरचना की पूरी तस्वीर सामने आ जाएगी।


