इस्पात मंत्रालय की कंपनी मॉयल के कर्मचारियों के वेतन वृद्धि समझौता की घोषणा
पटना। नागपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह, द्वारा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में मॉयल श्रमिकों के लिये वेतन वृद्धि समझौता की बड़ी उद्घोषणा की गई। यह समझौता 10 साल की अवधि 01 अगस्त 2017 से 31 जुलाई 2027 तक है, जिससे लगभग 5,800 कंपनी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इसके अलावा सभी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2020-21 के लिए उत्पादन से जुड़ा बोनस रुपये 28,000 रूपये की भी घोषणा की, जिसका भुगतान दीपावली के पहले किया जाएगा। इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात मंत्री ने मॉयल को लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए बधाई दी और भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धि हासिल करने हेतु तैयार रहने का भी आह्वान किया।
इस अवसर पर मंत्रियों ने मॉयल की विभिन्न सुविधाओं का भी उद्घाटन किया, जिसमें चिकला खान में द्वितीय वर्टीकल शाफ्ट एवं चिकला, गुमगांव, डोंगरी बुजुर्ग, तिरोड़ी एवं कान्द्री खान में नए अस्पताल एवं तिरोड़ी खान में नया प्रशासनिक भवन तथा बालाघाट में ग्रेजुएट ट्रेनी हॉस्टल शामिल है। इस्पात मंत्री कल बालाघाट खदान का भी दौरा करेंगे, जो मॉयल द्वारा संचालित सबसे बड़ी मैंगनीज खदान है और एशिया की सबसे गहरी भूमिगत मैंगनीज खदान है।
कार्यक्रम में फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री, सुनील केदार, राज्य के केंद्रीय पशुपालन, डेयरी विकास, खेल और युवा कल्याण मंत्री, डॉ. विकास महात्मे, राज्यसभा सांसद, सुकृति लिखी, अतरिक्त सचिव एवं वित्त सलाहकार, इस्पात मंत्रालय और रुचिका गोविल, संयुक्त सचिव सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कुछ बातें मॉयल के बारे में
मॉयल लिमिटेड भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक अनुसूची-ए, मेँ शामिल श्रेणी- क की एक मिनीरत्न सीपीएसई है। मॉयल देश में मैंगनीज अयस्क का सबसे बड़ा उत्पादक है और महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश राज्य में ग्यारह खदानों का संचालन करता है। मॉयल के पास देश के 34% मैंगनीज अयस्क का भंडार है और यह घरेलू उत्पाद में 45% योगदान दे रहा है। कंपनी का वित्त वर्ष 2024-25 तक अपने उत्पादन को लगभग दोगुना करके 25 लाख मीट्रिक टन करने की महत्वाकांक्षी योजना है। मॉयल कारोबार के अवसर खोजने के लिये गुजरात के साथ साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा राज्य में भी कदम रखने के लिये प्रयत्नशील है।