सड़कें तबाह हो गयी मगर भारतीय रोड कांग्रेस के बहाने चेहरा चमकाने में जुटी है सरकार,कांग्रेस प्रवक्ता ने साधा निशाना

पटना।बिहार की सड़कों में राजधानी पटना से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से पटना उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायमूर्ति तय नहीं कर पाएं। सड़कों की बदहाली के मद्देनजर उन्हें गाड़ी छोड़कर ट्रेन से वापस लौटना पड़ा।प्रदेश की सड़कों पर उनके द्वारा की गई टिप्पणी नीतीश सरकार के 15 वर्षों के कार्यकाल पर लगा सबसे बड़ा कलंक साबित हुआ। इसके बावजूद लोकलाज एवं नैतिकता को तिलांजलि दे चुकी नीतीश सरकार राजधानी पटना में भारतीय रोड कांग्रेस का आयोजन कर सिर्फ अपना चेहरा चमकाने का काम कर रही है।पटना उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश संजय करोल द्वारा पटना- गया मार्ग पर की गई टिप्पणी के द्वारा नीतीश सरकार के विगत 15 वर्षों के तथाकथित विकास कार्यों का पोल खुल चुका है। प्रदेशभर की सड़कों की दुर्दशा पर निशाना साधते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने नीतीश सरकार पर तीखा बयान देते हुए कहा कि एक सड़क निर्माण ही ऐसा मुद्दा था,जिस पर नीतीश सरकार के विकास के दावों की नींव खड़ी थी।मगर आज मुख्य न्यायाधीश के टिप्पणी ने उसको भी ध्वस्त कर दिया। प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दावा करते हैं कि उनके सुशासन में सड़कों के विकास इस स्तर पर पहुंच जाएगा की प्रदेश के किसी भी कोने से पटना आने में मात्र 4 घंटे लगेंगे।वहीं दूसरी तरफ धरातल पर स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि पटना से गया जाना भी सड़क मार्ग से वैतरणी पार करने जैसा हो गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जिस सरकार के पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता नोटों की तकिया तथा बिस्तर लगाकर सोते निगरानी द्वारा पकड़े गए तथा भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे अभियंताओं के बदौलत जिस प्रदेश में सड़कों का निर्माण हो रहा हो वहां की सड़कों की स्थिति ऐसी ना होगी तो भला कैसी होगी। हालांकि अभियंताओं द्वारा किया जा रहा भ्रष्टाचार उन तक ही सीमित नहीं है वरन् कहीं ना कहीं प्रदेश सरकार के शीर्ष स्तर तक भ्रष्टाचारियों को संरक्षण प्राप्त है।यह दीगर बात है कि भ्रष्टाचार के मामलों में सिर्फ छोटी मछली ही पकड़ी जाती है।जिस दिन से बड़ी मछलियां पकड़ी जाएगी,उस दिन प्रदेश सरकार के कथित ईमानदारी का मुखौटा भी उतर जाएगा।
