बिहार में अब जमीन अधिग्रहण मे रैयतों को मिलेगा अधिक मुआवजा, नई दरों की जल्द होगी घोषणा
पटना। बिहार में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। नए औद्योगिक क्षेत्रों और विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहीत जमीन पर रैयतों को अब सर्किल रेट से अधिक मुआवजा दिया जाएगा। इसके साथ ही उद्यमियों के लिए जमीन की दरें अलग से निर्धारित की जाएंगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इस निर्णय को अंतिम रूप दिया गया। बैठक के बाद भू अर्जन निदेशालय ने आदेश जारी कर दिया।
रैयतों को मिलेगा सर्किल रेट से अधिक मुआवजा
जमीन अधिग्रहण के लिए अब रैयतों को सर्किल रेट के अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा। यह मुआवजा उसी प्रक्रिया के तहत दिया जाएगा जो पहले से तय की गई है। यह कदम जमीन अधिग्रहण से जुड़े विवादों को कम करने और रैयतों को संतोषजनक मुआवजा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
उद्योगों के लिए जमीन की नई दरें
नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए बियाडा (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार) द्वारा जमीन अधिग्रहण किया जाएगा। अधिग्रहीत जमीन को विकसित करने के बाद उसकी दरें तय की जाएंगी। उद्यमियों को यह जमीन अलग दर पर उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए बियाडा अलग से अधिसूचना जारी करेगा।
बियाडा की वर्तमान स्थिति
बियाडा के तहत वर्तमान में 7592.39 एकड़ जमीन थी, जिसमें से 1407 एकड़ जमीन अब भी उपलब्ध है। राज्य में नौ क्लस्टर और 84 औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं। नए औद्योगिक इकाईयों की मांग को देखते हुए सरकार अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
रेलवे और एनएच से जुड़े विवादों के समाधान के प्रयास
रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के लिए अधिग्रहीत जमीन से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए जिला स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी। इन समितियों का उद्देश्य जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी और विवाद रहित बनाना होगा।
बैठक और आदेश जारी
समीक्षा बैठक में इन सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद भूमि अधिग्रहण निदेशालय ने आदेश जारी कर दिया। इससे न केवल जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज़ी मिलेगी, बल्कि रैयतों और उद्यमियों दोनों के लिए यह लाभकारी सिद्ध होगी। बिहार सरकार का यह कदम राज्य में औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। रैयतों को सर्किल रेट से अधिक मुआवजा मिलने से उनकी सहमति बढ़ेगी और अधिग्रहण प्रक्रिया सुगम बनेगी। साथ ही, उद्यमियों को स्पष्ट और पारदर्शी दरों पर जमीन उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे राज्य में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।


