PATNA : रूक्मणी बिल्टेक के प्रबंध निदेशक अजीत आजाद एवं निदेशक मानव कुमार सिंह के खिलाफ 22 करोड़ 54 लाख 59 हजार 110 रूपये का लगा जुर्माना

  • भू स्वामी और बिल्डर के मामले को 29 माह तक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला मनमानी करने वाले बिल्डरों को कड़ा सबक

पटना,फुलवारीशरीफ। माननीय पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल द्वारा मनोनित आरबिट्रेटर पूर्व जस्टिस वी।एन। सिन्हा ने रूक्मणी बिल्टेक के प्रबंध निदेशक अजीत आजाद एवं निदेशक मानव कुमार सिंह के खिलाफ 22 करोड़ 54 लाख 59 हजार 110 रूपये का आदेश पारित किया है। भू स्वामी और बिल्डर के मामले को 29 माह तक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला मनमानी करने वाले बिल्डरों को कड़ा सबक बताया जा रहा है। आमतौर पर देखा जाता है कि जमीन मालिक से एग्रीमेंट कराने के बाद बिल्डर तय समय पर निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाते हैं और मनमाने तरीके से जमीन मालिक को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है। वही इस मामले में पीड़ित जमीन मालिक व शिकायतकर्त्ता के अधिवक्ता सौरभ विश्वम्भर ने बताया जेड कि इस रूक्मणी बिल्टेक के प्रबंधक निदेशक अजीत आजाद एवं निदेशक मानव कुमार सिंह पर चरणवद्ध व सुनियोजित तरीके से फ्लैट के खरीददारों के पैसों को दूसरे जगह खर्च करने के मामले में दोषी पाया है। जमीन मालिक ने शुरूआती दिनों में ही जब अगाह किया व कानूनी नोटिस के द्वारा अपार्टमेन्ट निर्माण में विलम्ब, गुणवत्ता की अनदेखी व सरकारी मानकों की उपेक्षा का आशंका जब रूक्मणी बिल्टेक को जताया तब फर्जी तरीके से भ्रमित करने के लिए बिल्डर ने कई अपराधिक मुकदमें जमीन मालिक पर दायर कर भयाक्रांत करना चाहा। वही अधिवक्ता सौरभ विश्वम्भर के अनुसार माननीय पूर्व न्यायाधीश ने फैसले में यह भी कहा कि बिल्डर अजीत आजाद एवं मानव कुमार सिंह ने इस प्रोजेक्ट के पैसे को कई अन्य जगहों पर दूसरे प्रोजेक्ट तथा बड़े पैमाने पर जमीन खरीदने में लगाया व फीएट कार का शो रूम कंकड़बाग पटना में खोला।

वही इस मामले के अधिवक्ता सौरभ विश्वम्भर के अनुसार माननीय पूर्व न्यायाधीश ने अपने फैसले में यह भी कहा कि पटना जिले के सम्पतचक प्रखण्ड अन्तर्गत एकतापुरम (भोगीपुर) में निर्माणाधीन अपार्टमेन्ट के निर्माण के लिए जुलाई 2012 में जमीन मालिक नागेश्वर सिंह स्वराज एवं रूक्मणी बिल्टेक के अजित आजाद के बीच रजिस्टर्ड डेवलपमेन्ट एग्रीमेन्ट किया गया था। इस एग्रीमेन्ट के अनुसार जुलाई 2016 तक बिल्डर को निर्माण पूर्ण कर जमीन मालिक को उनके हिस्से का फ्लैट सौंप देना था, जो कि आज तक निर्माणाधीन व आधा-अधूरा है। बिल्डर रूक्मणी बिल्टेक ने इस निर्माणाधीन अपार्टमेन्ट में  ए। निवास व शशिवाला समेत लगभग 243 लोगों को फ्लैट बेचा और पैसा लिया लेकिन किसी भी विक्रेता के विक्रय दस्तावेज में जमीन मालिक का सहमति या हस्ताक्षर नहीं है। जो कि कानूनी तौर पर गैरवाजिब व गैर कानूनी है। इन सभी मामलों पर गम्भीरता पूर्वक विचार करते हुए अपने फैसले में माननीय पूर्व न्यायाधीश व इस मामले के लिए माननीय उच्च न्यायालय, पटना द्वारा मनोनित आरबिट्रेटर ने बिल्डर को आदेश दिया कि 90 दिनों के अन्दर पीड़ित जमीन मालिक व शिकायतकर्त्ता को 22 करोड़ 54 लाख 59 हजार 110 रूपये भुगतान करें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो 18 प्रतिशत वार्षिक जुर्माना भी देना होगा।

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