अमरनाथ यात्रा पर गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, तीर्थयात्रा रूट ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित, 3 जुलाई से शुरुआत

श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा भारत के प्रमुख धार्मिक आयोजनों में से एक है, जिसमें हर वर्ष लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस वर्ष यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त, 2025 तक चलेगी। यात्रा को लेकर सरकार ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था के तहत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। सबसे बड़ा फैसला यह लिया गया है कि पूरे अमरनाथ यात्रा मार्ग को ‘नो फ्लाइंग जोन’ घोषित कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और किसी भी संभावित खतरे को पहले ही रोकना है।
नो फ्लाइंग जोन की घोषणा और इसकी आवश्यकता
गृह मंत्रालय की सलाह के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा के दोनों मुख्य मार्गों – पहलगाम और बालटाल – को लेकर यह अहम फैसला लिया है। इन दोनों मार्गों के ऊपर किसी भी प्रकार की हवाई गतिविधियों पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। इसमें ड्रोन, यूएवी, एयर बैलून जैसे सभी हवाई उपकरण शामिल हैं। इस कदम के पीछे मुख्य कारण सुरक्षा है। बीते वर्षों में तीर्थयात्रियों और सुरक्षाबलों पर आतंकी हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। इसी पृष्ठभूमि में सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि किसी भी स्थिति में यात्रा के दौरान कोई सुरक्षा चूक न हो। हवाई उपकरणों के माध्यम से आतंकी तत्व या असामाजिक लोग जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं या हमला करने की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रतिबंध की अवधि और विशेष स्थितियाँ
यह सुरक्षा प्रतिबंध 1 जुलाई से 10 अगस्त, 2025 तक प्रभावी रहेगा। हालांकि कुछ विशेष परिस्थितियों में इन प्रतिबंधों से छूट दी जाएगी। इसमें आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं, आपदा प्रबंधन से जुड़ी उड़ानें और सुरक्षा बलों द्वारा संचालित निगरानी गतिविधियाँ शामिल हैं। इन मामलों में पूर्व अनुमति प्राप्त कर हवाई गतिविधि की जा सकेगी।
सुरक्षा बलों की भारी तैनाती
अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों की 580 कंपनियों को तैनात करने का निर्णय लिया है। ये जवान यात्रा मार्गों, शिविर स्थलों, प्रवेश बिंदुओं और अन्य संवेदनशील स्थानों पर तैनात रहेंगे। पहलगाम हमले जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए व्यापक तैयारी की जा रही है।
प्रशासन की तैयारियाँ और जनता से अपील
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए जनता से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा है कि अमरनाथ यात्रा सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि लोगों की आस्था और एकता का प्रतीक है। इसकी सफलता सभी के सहयोग से ही सुनिश्चित की जा सकती है। प्रशासन द्वारा यह भी बताया गया है कि चिकित्सा, यातायात, खान-पान, विश्राम आदि की सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। मौसम और भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए बचाव और राहत दल भी तैयार रखे गए हैं।
श्रद्धालुओं की संख्या और सतर्कता
हर वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए आते हैं, जिनकी संख्या लाखों में होती है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की सुरक्षा एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है, जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। नो फ्लाइंग जोन की घोषणा के साथ यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी तरह की बाहरी निगरानी या हस्तक्षेप से यात्रा प्रभावित न हो। अमरनाथ यात्रा को लेकर सरकार ने जो सुरक्षा उपाय अपनाए हैं, वे यह दर्शाते हैं कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। नो फ्लाइंग जोन की घोषणा न सिर्फ एक एहतियाती कदम है, बल्कि यह सुरक्षा में किसी भी संभावित चूक को रोकने का प्रयास है। सरकार, प्रशासन और सुरक्षाबलों की साझा कोशिशों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से सफल हो, बल्कि पूर्णतः सुरक्षित भी रहे।
