पूर्व मंत्री मो. इलियास को 4 साल की जेल, जानिए कैसे हुआ था अलकतरा घोटाला

रोहतास (तिलौथू)। रांची सीबीआई कोर्ट 26 वर्ष पुराने अलकतरा घोटाले में पूर्व मंत्री इलियास हुसैन को दोषी करार देते उन्हें 4 वर्ष की जेल और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।. बिहार के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन तथा उनके पीए शहाबुद्दीन बेग के साथ ट्रांसपोर्टर जनार्दन प्रसाद को शनिवार को सम्मन के बाद अदालत में हाजिर हुये। जहां सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार मिश्रा की अदालत ने तीनों का बयान दर्ज करते अभियुक्तों से लगे आरोप से संबंधित सवाल पर भी पूछताछ की। बिहार राज्य में बहुचर्चित अलकतरा घेटाला में मंत्री के अलावा दो अन्य आरोपियों को भी चार वर्ष का सश्रम कारावास और 2 लाख रुपये जुर्माना सुनाया गया। वहीं जुर्माना रकम जमा नहीं कराने पर कोर्ट अतिरिक्त सजा का आदेश दिया। यह मामला करीब 375 मीट्रिक टन अलकतरा की गड़बड़ी से जुड़ा था। जहां वर्ष 1992 से लेकर 1994 के बीच पथ निर्माण विभाग द्वारा चतरा में हल्दिया भाया बरौनी अलकतरा का ट्रांसपोर्टेशन करना था, लेकिन 375 मीट्रिक टन का ट्रांसपोर्टेशन नहीं किया गया। मामले को ले सीबीआई वर्ष 1997 में इस सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें पूर्व मंत्री मो. इलियास हुसैन तथा उनके निजी सचिव शहाबुद्दीन बैग और जनार्दन प्रसाद को आरोपी बनाया गया था। बीते 24 सितंबर को पूर्व पथ निर्माण मंत्री मो. इलियास हुसैन सहित तीन आरोपितोंं के बयान पर सीबीआई कोर्ट में दर्ज हुये थे वहीं 15 सितंबर को इस मामले में अभियोजन साक्ष्य बंद हो गया था। सीबीआई की ओर से अंतिम गवाह के रूप में मामले के जांच अधिकारी अनिल कुमार सिंह की कोर्ट में गवाही की गयी जहां सीबीआई कुल 45 गवाहों को पेश किया। वहीं अलकतरा घोटाला मामले में कोर्ट में हाजिर पूर्व मंत्री मो. इलियास हुसैन, खुद को निर्दोष बताये। वहीं पूर्व मंत्री मो. इलियास हुसैन ने कहा कि सभी आरोप निराधार हैं। बयान दर्ज होने के बाद अदालत ने बचाव पक्ष की ओर से गवाही के लिये 13 अगस्त की तिथि निर्धारित की। इसे लेकर इलियास और अन्य अभियुक्तों की ओर से गवाहों की सूची अदालत में सौंपने का आदेश दिया। इस मामले में अभियोजन की ओर से सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने तीनों अभियुक्तों को बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था। पूर्व मंत्री पर आरोप है कि पथ निर्माण मंत्री के पद पर रहते हुए वह कई घोटालों में संलिप्त रहे हैं। इसमें और उनके सहयोगियों को भी अभियुक्त बनाया गया है। मामले में 18.75 लाख रुपये की अनियमितता का मामले में अलकतरा घोटाले को लेकर बिहार और झारखंड (तत्कालीन बिहार) के विभिन्न जिलों में अलग-अलग मामले दर्ज थे। इनमें सीबीआई ने बिहार के सुपौल जिले में हुये 39 लाख के घोटाला मामले में तत्कालीन मंत्री को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इससे पूर्व दिसंबर 2016 में झारखंड अदालत ने हजारीबाग प्रमंडल में झिनू-इटखोरी रोड के निर्माण के दौरान 2005-06 में हुए 60 लाख रुपये के अलकतरा घोटाले में दो इंजीनियर सहित चार लोगों को तीन-तीन वर्ष की कैद की सजा सुनाई थी। शनिवार को जिस मामले में पूर्व मंत्री मो. इलियास कोर्ट में हाजिर हुए वह चतरा से जुड़ा है। जहां 375 मीट्रिक टन अलकतरा की हेराफेरी को लेकर 18.75 लाख रुपये की अनियमितता का मामला दर्ज हुआ था। वहीं मेसर्स जेपी अग्रवाल को गलत ढ़ंग से वर्ष 1991 में ट्रांसपोर्टर के पैनल में शामिल किया गया। वह ट्रासर्पोटरों से पैसा वसूलने का काम करता था। प्रति मीट्रिक टन 10 से 50 रुपये तक वसूली की गयी। इस तरह 20 हजार से दो लाख रुपये तक की वसूली हुई थी। मामले को लेकर यह भी कहा गया कि मो. इलियास हुसैन ने इस पैसे से रिवॉल्वर, स्टीम कार, चांदी की टी सेट सहित अन्य चीजें भी खरीदे हैं।

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