पथ निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में बोले CM नीतीश : नए पथों के निर्माण से लोगों को त्वरित गति से आवागमन में होगी और सहुलियत

  • नए पथों के निर्माण के साथ-साथ पुराने पथों को भी रखें मेंटेन

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष बुधवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में पथ निर्माण विभाग ने प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण के पश्चात मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क आधारभूत ढांचे के अग्रेत्तर सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से जो परियोजना तैयार की गयी है, वह बेहतर है। उन्होंने कहा कि नए पथों के निर्माण से लोगों को त्वरित गति से आवागमन में और सहुलियत होगी। दिल्ली, कोलकाता, वाराणसी तक सड़क के माध्यम से भी सफर करने में लोगों को सुविधा के साथ-साथ समय की बचत होगी। उन्होंने कहा कि नए पथों के निर्माण के साथ-साथ पुराने पथों को भी मेंटेन रखें। शहरों में सुलभ संपर्कता को बढ़ाने के लिए काम करें।
चार परियोजनाओं का मार्ग रेखन तैयार
इसके पहले पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने प्रस्तुतीकरण में बताया कि राज्य में सड़क आधारभूत ढांचे के अग्रेत्तर सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से राज्य सरकार के अनुरोध पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा चार परियोजनाओं का मार्ग रेखन तैयार कर राज्य सरकार की सहमति के लिए प्राप्त हुआ है। पहला- मोकामा-मुंगेर फोरलेन पथ के अंतर्गत मोकामा से मनोहरपुर होते हुए लखीसराय के दक्षिण से मुंगेर तक ग्रीन फील्ड नये फोर लेन पथ के एलाइनमेंट की स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें सरमेरा से मनोहरपुर तक 20 किमी लंबा पथ भी शामिल रहेगा। इस पथ की कुल लंबाई 92 किमी होगी। इसके बन जाने से राज्य में बक्सर से पटना होते हुए मोकामा-मुंगेर के माध्यम से भागलपुर मिर्जा चौकी तक फोरलेन पथ की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। दूसरा- बरौनी मुजफ्फरपुर फोरलेन पथ के अंतर्गत बरौनी बछवाड़ा- दलसिंहसराय-मुसरीघरारी के रास्ते मुजफ्फरपुर तक वर्तमान पथ के फोरलेन चौड़ीकरण हेतु सहमति प्रदान की गई। मुजफ्फरपुर शहर में यातायात की सुगमता के उद्देश्य से मुजफ्फरपुर शहर के रिंग रोड के एलाइनमेंट की सहमति प्रदान की गई। मुजफ्फरपुर-बरौनी पथ को मुजफ्फरपुर-हाजीपुर पथ से 5 किमी लंबे बाईपास पथ से जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार मुजफ्फरपुर बरौनी पथ को मुजफ्फरपुर-दरभंगा ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर से 11 किमी लंबे बाईपास पथ से जोड़ा जाएगा। साथ ही मुजफ्फरपुर बाईपास को ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर में 1.6 किमी लंबे पथ से जोड़ा जाएगा। मुजफ्फरपुर शहर में प्रवेश करने वाले सभी राष्ट्रीय राजमार्ग आपस में मुजफ्फरपुर रिंग रोड के माध्यम से जुड़ पाएगा। मुजफ्फरपुर रिंग रोड की कुल लंबाई लगभग 40 किमी होगी। इसके बन जाने से मुजफ्फरपुर शहर में जाम की समस्या काफी हद तक कम जो जाएगी एवं शहर का सभी दिशाओं में व्यापक फैलाव हो सकेगा। तीसरा- बक्सर-हैदरिया फोरलेन पथ के निर्माण के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में लखनऊ से हैदरिया तक पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से बक्सर की संपर्कता सुनिश्चित करने के लिए 17 किमी पथांश के फोरलेन चौड़ीकरण हेतु मार्ग रेखन प्रस्ताव को देखा गया एवं इस पर सहमति व्यक्त की गई। इसके बन जाने से राजधानी पटना की दिल्ली तक 4/6 लेन के माध्यम से अतिरिक्त सुलभ संपर्कता सुनिश्चित हो सकेगी और चौथा- बक्सर-वाराणसी ग्रीन फील्ड फोर लेन पथ के अंतर्गत पटना से बक्सर के रास्ते वाराणसी तक सुगम आवागमन के प्रयोजन से बक्सर-चौसा-वाराणसी नये फोरलेन पथ के एलाइनमेंट पर सहमति प्रदान की गई। इस एलाइनमेंट का 29 किमी हिस्सा बिहार राज्य में पड़ता है और 62 किमी हिस्सा उत्तर प्रदेश में पड़ता है। इसके बन जाने से पटना से वाराणसी तक की दूरी मात्र 225 किमी रह जाएगी, जो पटना-मोहनिया-वाराणसी मार्ग रेखन की तुलना में लगभग 30 किमी कम होगी।


अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने जानकारी देते हुये बताया कि राज्य सरकार ने राज्य में आवागमन को और त्वरित गति प्रदान करने के उद्देश्य से भारतमाला 2 में नये पथों के निर्माण के प्रस्ताव को शामिल करने हेतु भारत सरकार को अनुशंसा भेजने का निर्णय लिया है। इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड का चौड़ीकरण के अन्तर्गत इंडो-नेपाल बॉर्डर 552 किमी लंबा दो लेन पथ वर्तमान में बनाया जा रहा है, जिसमें लगभग दो तिहाई धनराशि राज्य सरकार की और एक-तिहाई भारत सरकार द्वारा वहन हो रही है। राज्य सरकार ने इस पथ को फोर लेन चौड़ीकरण करने की अनुशंसा की है। इससे राज्य के सात जिलों यथा-पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं किशनगंज के बॉर्डर क्षेत्रों के आर्थिक विकास में बहुमूल्य योगदान पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे के अंतर्गत राजधानी पटना की कोलकाता से सीधी संपर्कता हासिल करने के उद्देश्य से पटना-कोलकाता एक्सप्रेस वे के निर्माण की अनुशंसा की गई है। यह बिहारशरीफ के दक्षिण होते हुए सिकन्दरा कटोरिया के रास्ते कोलकाता तक जाएगा। बक्सर-अरवल-जहानाबाद-बिहारशरीफ राजमार्ग के अन्तर्गत दक्षिण बिहार के इलाकों की राजधानी दिल्ली से सुगम संपर्कता के प्रयोजन से बक्सर पीरो-अरवल जहानाबाद बिहारशरीफ कुल 165 किमी लंबे फोरलेन पथ के निर्माण की अनुशंसा की गई है। इसमें बक्सर से अरवल तक का पथांश ग्रीन फील्ड होगा। अरवल से जहानाबाद होते हुए बिहारशरीफ तक वर्तमान एनएच-110, फोरलेन चौड़ीकरण का प्रस्ताव है। दलसिंहसराय-सिमरी बख्तियारपुर फोरलेन पथ के अंतर्गत पटना से पूर्णिया की यात्रा में कम से कम समय लगे, इसके लिए दलसिंह सराय से सिमरी बख्तियारपुर तक लगभग 70 किमी लंबे नये फोर लेन ग्रीन फील्ड पथ निर्माण की अनुशंसा की गई है। इससे पटना-दलसिंहसराय-सिमरी बख्तियारपुर-सहरसा-मधेपुरा होते हुए पूर्णिया की दूरी कम हो जाएगी एवं आवागमन में बहुत सहुलियत मिलेगी। दिघवाड़ा-मशरख-पिपरा कोठी-मोतिहारी-रक्सौल फोरलेन पथ के अंतर्गत पटना रिंग रोड पर अवस्थित दिघवाड़ा से इंटरनेशरल चेक पोस्ट रक्सौल तक सुगम आवागमन के उद्देश्य से नये पथ के निर्माण की अनुशंसा की गई है। इससे राष्ट्रीय जलमार्ग की रक्सौल चेक पोस्ट से सुलभ सम्पर्कता हो जाएगी। सुल्तानगंज से देवघर नये फोर लेन पथ के अन्तर्गत सुल्तानगंज से देवघर वर्तमान में अवस्थित राज्य उच्च पथ से लगभग 5 किमी पूरब अगुआनी घाट नये पुल के सीधे मार्ग रेखन फोर लेन पथ की अनुशंसा की गई है। इससे बाबाधाम की सुल्तानगंज के रास्ते वीरपुर होते हुए काठमांडु तक सम्पर्कता में मदद मिलेगी।
मशरख-मुजफ्फरपुर फोर लेन पथ के अंतर्गत अयोध्या से सिवान के रास्ते मशरख होते हुए रामजानकी पथ का निर्माण किया जा रहा है। मशरख से मुजफ्फरपुर तक नये फोर लेन पथ के निर्माण की अनुशंसा की गई है। इसमें गंडक नदी पर तरैया के पास नये पुल का निर्माण प्रस्तावित होगी। इसके बन जाने से उत्तर बिहार के मध्यवर्ती हिस्सों में आवागमन में व्यापक सहुलियत मिल पायेगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से सहमति प्राप्त होते ही राज्य सरकार द्वारा तेजी से भू-अर्जन का कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
बैठक में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार व चंचल कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह एवं पथ निर्माण विभाग के वरीय अभियंता उपस्थित थे।

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