September 6, 2025

पटना में तेजस्वी आज बुलाई राजद विधायक दल की बैठक, आगामी चुनाव को लेकर बनेगी रणनीति

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। राज्य की राजनीति में हर दल अपनी रणनीति बनाने और संगठन को मजबूती देने में जुटा है। इसी क्रम में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पटना में अपने विधायक दल की एक अहम बैठक बुलाई है। यह बैठक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में उनके आवास एक पोलो रोड पर आयोजित की जा रही है। बैठक को लेकर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच खासा उत्साह है क्योंकि इसमें चुनाव से जुड़ी कई महत्वपूर्ण रणनीतियों पर विचार-विमर्श होना तय माना जा रहा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और बैठक का महत्व
बिहार की सियासत इन दिनों गर्म है। एक ओर दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बड़ी बैठक हो रही है, वहीं दूसरी ओर पटना में राजद अपने विधायकों को संगठित कर रही है। इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि विधानसभा चुनाव की संभावित तारीखें सितंबर में घोषित हो सकती हैं। ऐसे में प्रत्येक दल जल्द से जल्द अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना चाहता है। राजद के लिए यह बैठक न केवल चुनावी तैयारी का हिस्सा है बल्कि महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे से जुड़ी चुनौतियों को हल करने का प्रयास भी है।
वोटर अधिकार यात्रा का असर
हाल ही में 1 सितंबर को तेजस्वी यादव और राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही वोटर अधिकार यात्रा का समापन पटना में हुआ। इस यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव ने बार-बार खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताया। लेकिन कांग्रेस की ओर से, विशेषकर राहुल गांधी की तरफ से, इस दावे पर कोई स्पष्ट समर्थन नहीं मिला। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यही स्थिति भविष्य में सीट बंटवारे को जटिल बना सकती है। कांग्रेस का यह रुख राजद के भीतर असमंजस की स्थिति पैदा कर रहा है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सीट बंटवारे पर संभावित चर्चा
बैठक का सबसे अहम एजेंडा सीट बंटवारे को माना जा रहा है। महागठबंधन के भीतर राजद और कांग्रेस के अलावा अन्य दल भी हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। सीट बंटवारे पर सहमति न बनने से गठबंधन की मजबूती पर असर पड़ सकता है। यही कारण है कि तेजस्वी यादव विधायकों के साथ विचार-विमर्श कर आगे की रणनीति को स्पष्ट करना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों से सीट बंटवारे को लेकर सुझाव लिए जाएंगे और हाईकमान को स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
राजद की रणनीतिक तैयारी
चुनाव में अब बहुत कम समय बचा है। इस स्थिति में तेजस्वी यादव चाहते हैं कि राजद संगठनात्मक रूप से मजबूत दिखे और जनता के बीच यह संदेश जाए कि पार्टी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी है। राजद लगातार जनसंपर्क और रैलियों के माध्यम से जनता से जुड़ने की कोशिश कर रही है। वोटर अधिकार यात्रा भी इसी प्रयास का हिस्सा थी, जिसने पार्टी को एक बार फिर से सक्रियता और मुद्दों के केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है।
एनडीए और महागठबंधन की चुनौतियां
सीट बंटवारे की खींचतान सिर्फ महागठबंधन में ही नहीं बल्कि एनडीए खेमे में भी जारी है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच भी तालमेल की प्रक्रिया आसान नहीं रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों गठबंधन किस तरह से अंतिम फार्मूले पर पहुंचते हैं। चूंकि चुनावी मैदान में हर सीट का महत्व है, इसलिए बातचीत लंबी खिंचने की संभावना भी है। तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में बुलाए गए राजद विधायक दल की यह बैठक आगामी विधानसभा चुनाव की दिशा तय करने में निर्णायक साबित हो सकती है। सीट बंटवारे, उम्मीदवारों के चयन और चुनावी एजेंडे पर चर्चा इस बैठक का मुख्य केंद्र रहेगा। दूसरी ओर भाजपा और महागठबंधन के भीतर चल रही खींचतान यह संकेत देती है कि बिहार का चुनावी माहौल आने वाले दिनों में और भी ज्यादा रोचक होने वाला है।

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