RJD ने मांझी के भोज पर किया हमाला, उदय नारायण चौधरी ने कहा- भोज देने का कोई मतलब नही, उनको अपनी बात पर रहना चाहिए अडिग
पटना। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की जीभ काटने पर लाखों रुपए के पुरस्कार की बात कोई करता है और उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती, फिर भी वह नीतीश-भाजपा सरकार की गोद में बैठे हुए हैं। उन्हें इस सरकार का साथ जल्द छोड़ देना चाहिए और हमारे साथ आना चाहिए। हम उनका स्वागत करते हैं। ये बातें RJD के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कही हैं। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी को अपनी बात पर स्टैंड करना चाहिए। ब्राह्मणों को भोज देने का क्या मतलब है?

शाकाहारी और झूठ नहीं बोलने वाले कहां मिलेंगे?
चौधरी ने कहा की जीतन राम मांझी ने भोज के लिए वैसे ब्राह्मणों को ही बुलाया है, जिन्होंने मांस-मछली नहीं खाया हो और झूठ नहीं बोला हो। लेकिन यह हर कोई जानता है कि हिन्दू धर्म में बलि की प्रथा है। जानवर की बलि को स्वीकृति दी गई है। नेपाल जैसे हिंदू राष्ट्र में तो बड़े जानवर की बलि चढ़ती रही है। दूसरी बात यह कि मिट्टी की मूर्ति में प्राण फूंकने की बात कहने से बड़ा झूठ क्या होगा? जब तक कुम्हार के यहां मूर्ति रहती वह मिट्टी रहती है, लेकिन ब्राह्मण उसमें प्राण फूंकने का दावा करते हैं। अगर ऐसा ही है तो ब्राह्मण अपने मां-पिता की मौत पर उनमें एक घंटे के लिए भी प्राण फूंक सकते हैं क्या
तब उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की थी
उन्होंने कहा कि इसलिए जीतन राम मांझी को अपनी बात पर अडिग रहना चाहिए। मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि जब उन्हें मधुबनी के मंदिर में रोका गया और लौटने पर मंदिर में साफ-सफाई की गई तब मांझी जी ने कार्रवाई क्यों नहीं की

