राजद और माले अब बिहार में करेगें किसान आंदोलन, जानिए क्या है पूरा मामला

पटना। बिहार में विपक्षी पार्टियां केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून को हटाने की मांग के साथ ही नीतीश सरकार की कृषि नीति की भी आलोचना करती रही हैं। कई बार इससे जुड़े सवाल विधान मंडल में भी उठ चुके हैं। अब जब PM नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानून को वापस लेने बात कह दी है तब RJD और माले ने बिहार में किसानों से जुड़े मुद्दे तेजी से उठाना शुरू कर दिया है। इसको लेकर आंदोलन की रणनीति भी बन रही है। माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा है, बिहार में मंडियों की बहाली और मक्का, दलहन सहित तमाम फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करने की मांग हम हमेशा करते रहे हैं। बिहार सरकार ने धान, गेहूं की खरीद में छोटे किसानों के सामने अनेक तरह की दिक्कतें खड़ी कर रखी हैं और बिहार सरकार ने इन मुद्दों पर अब तक कोई संतोषजनक कदम नहीं उठाया है, इसलिए इन मुद्दों पर आंदोलन किया जाएगा।

राजद ने कहा- नीतीश सरकार ने APMC को खत्म कर दिया, किसानों को बनाया लाचार

RJD किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुबोध ने कहा कि 2005 में APMC (एग्रीकल्चर प्रोडक्ट मार्केटिंग कमेटी) को नीतीश सरकार ने खत्म कर दिया। इससे पहले किसान बाजार समिति में अनाज बेच पाते थे, लेकिन इसके बाद किसान औने-पौने भाव पर अनाज बेचने को मजबूर हैं। अनाज का जो MSP (मिनिमम सपोर्टिंग प्राइस) सरकार प्रति वर्ष तय करती है। उस मूल्य पर खरीद ही नहीं होती है। इस साल धान की कीमत 1940 रुपए प्रति क्विंटल तय है, लेकिन पैक्स में धान खरीद पर कई तरह के व्यवधान लगाए जाते हैं।

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