November 14, 2025

दानापुर से आरजेडी को बड़ा झटका, 18 राउंड की काउंटिंग के बाद रीतलाल पीछे, 7696 वोट से रामकृपाल आगे

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना जारी है और जैसे-जैसे राउंड पूरे होते जा रहे हैं, राज्य की राजनीतिक तस्वीर और भी स्पष्ट होती जा रही है। शुरुआती रुझानों से ही यह संकेत मिलने लगा था कि एनडीए गठबंधन इस बार बड़े बहुमत के साथ सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गया है। दोपहर तक के रुझानों में एनडीए लगभग 198 सीटों पर आगे चल रहा था जबकि महागठबंधन केवल 40 सीटों तक सीमित होता नजर आया। इस दौरान दानापुर विधानसभा क्षेत्र से राजद को बड़ा झटका लगा है।
दानापुर की दिलचस्प जंग
दानापुर सीट पर मुकाबला खासा दिलचस्प रहा। आरजेडी के उम्मीदवार रीतलाल यादव, जो इस समय जेल में बंद हैं, शुरुआती राउंड्स में आगे चल रहे थे। पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने खुद उनके समर्थन में रोड शो किया था और माना जा रहा था कि यह सीट महागठबंधन की झोली में जा सकती है। लेकिन जैसे-जैसे काउंटिंग आगे बढ़ी, स्थिति बदलती चली गई। 18 राउंड की गिनती के बाद बीजेपी के उम्मीदवार रामकृपाल यादव 7696 वोटों से आगे हो गए, जिससे इस सीट पर राजनीतिक समीकरण पूरी तरह एनडीए के पक्ष में जाते दिख रहे हैं।
एनडीए की मजबूत स्थिति
राज्य के समग्र रुझानों पर नजर डालें तो दोपहर 12.58 बजे तक बीजेपी 89 सीटों पर आगे चल रही थी और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती दिख रही थी। जदयू 79 सीटों पर आगे थी जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 21 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा 4 और रालोमो 5 सीटों पर आगे थे। इन परिणामों के आधार पर यह स्पष्ट है कि एनडीए राज्य की राजनीति में इस बार एक मजबूत गठबंधन के रूप में उभरा है।
महागठबंधन की स्थिति
महागठबंधन के लिए यह चुनाव चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। राजद केवल 31 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि कांग्रेस 4 सीटों और वामदलों को 5 सीटों पर शुरुआती बढ़त मिली है। इसके अलावा एआईएमआईएम भी 5 सीटों पर आगे चल रही है, जो खासतौर पर सीमांचल क्षेत्रों में उसकी बढ़ती पैठ को दर्शाती है। महागठबंधन की ओर से सबसे बड़ा झटका यह रहा कि उसके मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव राघोपुर से शुरुआती राउंड्स में पीछे चल रहे थे। हालांकि 8वें राउंड के बाद वे 525 वोट से आगे आ सके, लेकिन यह बढ़त बहुत स्थिर नहीं मानी जा रही।
दानापुर में लालू-तेजस्वी का असर कम
दानापुर सीट को आरजेडी और महागठबंधन के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। लालू यादव ने व्यक्तिगत रूप से अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था, और तेजस्वी की सभाओं में भी भीड़ दिखी थी। लेकिन जिस तरह से रुझान सामने आए, उससे स्पष्ट है कि दानापुर में लालू-तेजस्वी का प्रभाव असरदार साबित नहीं हुआ। रीतलाल यादव लगातार पीछे होते गए और अंततः 7 हजार से अधिक वोटों से पिछड़ गए। इस हार को महागठबंधन की रणनीति के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
राज्य की राजनीतिक दिशा
243 सीटों के रुझान जारी होने के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि एनडीए 198 से अधिक सीटें जीत सकता है, जिससे उसे स्पष्ट बहुमत मिल जाएगा। बीजेपी और जदयू दोनों इस बार बड़े पैमाने पर वोट हासिल करते दिख रहे हैं, जबकि महागठबंधन का प्रदर्शन उम्मीद से काफी कम रहा है। विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे, चुनावी वादे और तेजस्वी यादव की युवा छवि सभी मिलकर भी इस चुनावी तस्वीर को बदलने में असफल रहे।
मतगणना की प्रक्रिया और अंतिम नतीजे
मतगणना अभी जारी है और जैसे-जैसे परिणाम आगे आते जाएंगे, सीटों का अंतर और अधिक स्पष्ट होगा। चुनाव आयोग ने राज्य की सभी 243 सीटों के रुझान जारी कर दिए हैं और अंतिम परिणाम देर शाम तक आने की उम्मीद है। दानापुर सहित कई सीटों पर मुकाबला दिलचस्प रहा है, लेकिन जिन प्रमुख सीटों पर जीत-हार का असर राज्य की राजनीति पर पड़ेगा, उनमें एनडीए बढ़त बनाए हुए है। दानापुर से आरजेडी को मिला यह झटका महागठबंधन के समग्र प्रदर्शन को प्रभावित करता नजर आ रहा है। आरजेडी ने जिस उम्मीदवार पर सबसे अधिक दांव लगाया था, वही अंत में पीछे हो गए। एनडीए की बढ़त और रुझानों से साफ है कि बिहार की जनता स्थिरता और विकास के पक्ष में मतदान करती दिखी है। अब अंतिम नतीजों का इंतजार है, लेकिन रुझानों ने चुनावी समीकरण लगभग साफ कर दिए हैं।

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