बिहार का हक है विशेष राज्य का दर्जा, हम किसी भी कीमत पर उसे लेकर रहेंगे: अखिलेश सिंह
पटना। केंद्र की मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रिकॉर्ड सातवीं बार बजट पेश किया है, जिसमें बिहार को लगभग 60 हजार करोड़ का फंड मिला है। हालांकि, केंद्र सरकार ने फिर से किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया है, जिससे विपक्ष में हंगामा मच गया है। विपक्ष लगातार इसे बिहार सरकार की नाकामी बता रहा है और नीतीश कुमार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने में असफल ठहरा रहा है। इस विवाद में अब बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को मजबूती से उठाने का संकल्प लिया है। अखिलेश सिंह ने कहा, “बिहार का हक हम लेकर रहेंगे। मैंने अपने बजट भाषण में भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है और आगे भी करता रहूंगा। प्रदेश अध्यक्ष के नाते मैं इस आवाज को जोर-शोर से उठाऊंगा। अखिलेश सिंह ने बिहार को ‘बीमारू स्टेट’ कहे जाने पर भी नाराजगी जताई और कहा कि बिहार को विकसित राज्य की श्रेणी में लाने के लिए विशेष राज्य का दर्जा जरूरी है। उन्होंने केंद्र सरकार से प्रावधानों में बदलाव करने की मांग की, ताकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल सके। उन्होंने कहा, “अगर कोई पैरामीटर फिट नहीं बैठ रहा है तो सरकार अपने हिसाब से पैरामीटर बदल सकती है, लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना ही होगा। अखिलेश सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी इस मांग को सदन में उठाने के बाद अब सड़क पर भी ले जाएगी। उन्होंने कहा, “हर जिले, हर प्रखंड में आंदोलन होगा और यह तब तक चलेगा जब तक बिहार को विशेष दर्जा नहीं मिल जाता। बजट में जो फंड बिहार को मिला है, उसे बिहार सरकार विशेष पैकेज बताकर विशेष राज्य के दर्जे की मांग नहीं उठा रही है, जबकि विपक्ष इसे झुनझना बताते हुए विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहा है। अखिलेश सिंह ने इस मुद्दे पर विपक्ष की एकजुटता की भी बात की और कहा कि बिहार के हक के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक जाएगी। इस प्रकार, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर आंदोलन की रणनीति भी बनाई है, जिससे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और इसे जनांदोलन में बदलने के लिए तैयार है।


